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जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा वर्कशाप का आयोजन : सीजेएम मोनिका

जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा वर्कशाप का आयोजन : सीजेएम मोनिका
 
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हरियाणा राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण व जिला एवं सत्र न्यायधीश एवं अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण यशवीर सिंह राठौर के निर्देशानुसार मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी-कम सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण मोनिका की अध्यक्षता में एडीआर के सभागार में बाल-विवाह के खिलाफ वर्कशाप का आयोजन किया गया। इस वर्कशाप में पैनल अधिवक्ता अधिकार मित्र एवं आंगनवाडी वर्करों ने भाग लिया।


प्राधिकरण सचिव ने बताया कि बाल-विवाह निषेध अधिनियम 2006 के अनुसार बाल विवाह एक ऐसा विवाह है जिसमें लड़?का या लड़?की में से कोई अवस्यक हो अर्थात लड़की 18 वर्ष से, लड़?का 21 वर्ष से कम न हो। बाल-विवाह एक दंडनीय अपराध है जिसके अन्तर्गत 2 वर्ष तक कठोर कारावास की सजा या एक लाख रुपये या दोनों एक साथ दंड किया जा सकता है।

उन्होंने बताया कि बाल विवाह का आयोजन करने वाले व उसमे शामिल होने वाले भी दंडनीय है। इसलिए सभी का हम दायित्व बनता है जहां भी बाल-विवाह हो रहा हो तो उसकी शिकायत पुलिस थाना, प्रथम श्रेणी न्यायिक दंडाधिकारी या मैट्रो पोलिटन मैजिस्ट्रेट के सम्मुख दर्ज करवाई जा सकती है। प्राधिकरण सचिव ने उपस्थितजनों को 15100 नालसा टोल फ्री नंम्बर प्रिन्ट स्टीकर प्रदान किए तथा उन्हें पब्लिक पैलेस, पंचायत घर आदि में चस्पा करें ताकि आमजन को मुफ्त कानूनी सलाह घर बैठे फोन पर उपलब्ध हो सके। इस अवसर पर देवराज मलीक अधिवक्ता ने भी बाल-विवाह अधिनियम विस्तार से जानकारी दी तथा आगामी मार्च नैशनल लोक अदालत लत व प्रत्येक कार्य दिवस को स्पैशल लोक अदालत लगाई जाएगी।