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मत्स्य पालन योजनाओं में अनुदान राशि से रोजगार एवं आय के नए अवसर,सामान्य श्रेणी के आवेदकों को 40 और अनुसूचित जाति एवं महिलाओं को 60 प्रतिशत अनुदान प्रदान

 
मत्स्य पालन योजनाओं में अनुदान राशि
डीसी मोहम्मद इमरान रजा के मार्गदर्शन में जिले में मत्स्य पालन को बढ़ावा देने के लिए निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं। वर्तमान में जिले में लगभग 50 एकड़ खारे पानी की भूमि पर झींगा पालन हो रहा है, जो रोजगार सृजन और आय का एक सशक्त माध्यम बन चुका है। भविष्य में इस गतिविधि को 20 एकड़ भूमि तक विस्तार देने की योजना है।
मतस्य अधिकारी अंकिता ने जानकारी दी कि झींगा पालन में लोगों की दिलचस्पी तेजी से बढ़ रही है। खारे पानी में झींगा पालन की एक फसल का समय 90 से 120 दिनों का होता है और प्रति हेक्टेयर औसत उत्पादन 7 से 9 टन तक पहुंचता है। इस उत्पादन के आधार पर प्रति फसल 10 से 15 लाख रुपये प्रति हेक्टेयर का शुद्ध लाभ अर्जित किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि मत्स्य पालन विभाग खारे पानी में झींगा मत्स्य पालन को प्रोत्साहन देने के लिए सामान्य श्रेणी के आवेदकों को 40 प्रतिशत और अनुसूचित जाति एवं महिलाओं को 60 प्रतिशत अनुदान प्रदान करता है। अधिकतम 14 लाख रुपये की लागत पर यह अनुदान दिया जा रहा है, जिससे किसान इस क्षेत्र में निवेश के प्रति प्रोत्साहित हो रहे हैं।