विभिन्न जिलों के 40 किसानों ने लिया हमेटी में प्राकृतिक खेती का प्रशिक्षण
हरियाणा कृषि प्रबंधन एवं विस्तार प्रशिक्षण संस्थान (हमेटी) जींद में विभिन्न जिलों से आए 40 किसानों का प्राकृतिक खेती पर तीन दिवसीय प्रशिक्षण वीरवार को संपन्न हो गया। हरियाणा सरकार द्वारा प्रदेश में प्राकृतिक खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है, इसके लिए कृषि एवं किसान कल्याण विभाग द्वारा हमेटी जींद, गुरुकुल कुरुक्षेत्र में किसानों को प्राकृतिक खेती का महत्व बताने व प्राकृतिक खेती करने के तौर तरीके सीखाने हेतु तीन दिवसीय निशुल्क प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
हमेटी के निदेशक डॉ. कर्मचंद ने बताया कि इस वर्ष अभी तक 400 किसानों को हमेटी संस्थान द्वारा प्राकृतिक खेती पर प्रशिक्षण दिया जा चुका है। कृषि विभाग हरियाणा द्वारा विभाग के कर्मचारी व अधिकारियों को भी प्राकृतिक खेती में अभी तक हुए शोध कार्यों से अवगत करवाने व प्राकृतिक खेती की नई-नई तकनीकों की जानकारी देने हेतु प्राकृतिक खेती पर फरवरी माह में प्रशिक्षण आयोजित किए जाएंगे। महिलाओं को भी रसायनिक कीटनाशकों व उर्वरकों के भोजन में बचे हुए अवशेषों से हमारे शरीर में होने वाले दुष्परिणामों के प्रति जागरूक करने व प्राकृतिक खेती की जानकारी देने बारे महिला किसानों को भी हमेटी द्वारा प्रशिक्षण दिया जाएगा।
प्राकृतिक खेती के प्रशिक्षक डॉ. सुभाष चंद्र ने बताया कि हरियाणा सरकार ने प्राकृतिक खेती की जो योजना बनाई है उसका असर किसानों में साफ दिखाई देने लगा है। बहुत से किसानों ने प्रशिक्षण लेने उपरांत अपने-अपने खेतों में प्राकृतिक तरीके से खेती करने की शुरूआत कर दी है। काफी किसानों ने तो अपने उत्पादों की सीधे उपभोक्ताओं को बिक्री करना भी आरंभ कर दिया है जिससे उन्हें अपने उत्पादों का उचित मूल्य मिल रहा है तथा किसान प्राकृतिक खेती से संतुष्ट दिखाई दे रहे हैं। प्रशिक्षण के दौरान किसानों ने अपने उत्पादों की जांच व प्रमाणीकरण करवाने की मांग की।
डॉ. सुभाष चंद्र ने किसानों को बताया कि रसायन मुक्त उत्पादों की टेस्टिंग हेतु हरियाणा सरकार ने जांच प्रयोगशाला आरंभ करने की कार्यवाही शुरू कर दी है। जल्दी ही इस प्रयोगशाला की करनाल के एग्रो मॉल में शुरू होने की संभावना है, जहां से किसान अपने उत्पादों में रसायनों के अवशेषों की जांच करवा सकेंगे। प्राकृतिक खेती से पैदा किए गए उत्पादों के प्रमाणीकरण का कार्य भी सरकार की तरफ से जल्दी ही शुरू किया जाएगा। तब तक किसान अपने उत्पादों को राष्ट्रीय जैविक एवं प्राकृतिक खेती संस्थान गाजियाबाद के जैविक खेती के प्रमाणीकरण पोर्टल पीजीएस इंडिया पर समूह बनाकर पंजीकरण करवा सकते हैं।
रसायन मुक्त उत्पादों का प्रमाणीकरण किसानों को अपने उत्पाद अच्छे मूल्य पर बेचने में मदद करता है। महेंद्रगढ़ के किसान सुमित कुमार व रावलवास (हिसार) के किसान कृष्ण कुमार ने बताया कि उनके खेतों में प्राकृतिक तरीके से पैदा किया जा रहे अनाज, फल व सब्जियों को उपभोक्ता फॉर्म से ही खरीद कर ले जाते हैं। उनकी बंसी गोल्ड व सी-306 किस्म की गेहूं की इतनी मांग रहती है कि वे इसे पूरा भी नहीं कर पाते। सभी किसानों को तीन दिन का सफल प्रशिक्षण पूरा करने पर डॉ. रणजीत सिंह सग्गू, उपनिदेशक हमेटी द्वारा प्रमाण पत्र प्रदान किया गए।