यूजीसी द्वारा अंडर ग्रेजुएट और पोस्टग्रेजुएट डिग्री देने के लिए न्यूनतम नियम तय
यूजीसी द्वारा अंडखेजुएट और पोस्टग्रेजुएट डिग्री देने के लिए न्यूनतम नियम तय किए गए हैं। यूजीसी द्वारा ड्राफ्ट तैयार किया गया है। नेशनल एजुकेशन पॉलिसी 2020 को लागू किया चुका है। इसी को देखते हुए ड्राफ्ट तैयार किया गया है। स्टेकहोल्डर्स के पास ड्राफ्ट पर विचार रखने के लिए 23 दिसंबर तक का समय था। इसके लिए उच्च शिक्षण संस्थानों को अब साल में 2 बार एडमिशन लेने की तैयारी का शेड्यूल बनाना होगा। इसमें जुलाई-अगस्त और जनवरी व फरवरी का सेशन होगा। स्टूडेंट्स की संख्या सुविधाओं, टीचर स्टूडेंट अनुपात और यूजीसी के नियमों के अनुसार होगा।
इसके साथ ही सभी उच्च शिक्षण संस्थानों को क्लासरूम, लैब, लाइब्रेरी, स्पोर्ट्स और हेल्थ सुविधाओं, हॉस्टल और अन्य सुविधाओं के संबंध में नियमों का पालन करना जरूरी होगा। संस्थानों को उच्च शिक्षा, वोकेशनल एजुकेशन, ट्रेनिंग और स्किलिंग और इंटर्नशिप को यूजी और पीजी करिकुलम में शामिल करना होगा। एकेडेमिक प्रोग्राम में संस्थानों को मल्टीपल एंट्री एग्जिट ऑप्शन देने होंगे। वोकेशनल एजुकेशन से जनरल एजुकेशन में शिफ्ट करने के गाइडलाइंस भी तैयार करने होंगे। यूजी कोर्स में 3 साल के कोर्स के लिए 120 क्रेडिट और 4 साल के कोर्स के लिए 160 क्रेडिट होने चाहिए। पीजी प्रोग्राम में एडमिशन के लिए राष्ट्रीय स्तर या यूनिवर्सिटी स्तर के एंट्रेंस एग्जाम को क्वालिफाई करने के बाद ही एडमिशन मिलेगी।