Onos scheme: वन नेशन वन सब्सक्रिप्शन 2025 से शुरु होगा पहला चरण, 1.8 करोड़ छात्र फ्री पढ़ सकेंगे
वन नेशन, वन सब्सक्रिप्शन:दुनिया के सभी अहम ग्लोबल साइंटिफिक जर्नल का केंद्र सरकार एक सब्सक्रिप्शन लेगी। उसका एक्सेस सभी छात्रों, शोधकर्ताओं, फैकल्टी व विज्ञानियों को यूजीसी के इन्फिलबनेट (इंफॉर्मेशन एंड लाइब्रेरी नेटवर्क) के जरिए मिलेगा। इससे करीब 1.8 करोड़ लोग सभी 13 हजार जर्नल फ्री पढ़ सकेंगे....
वन नेशन, वन सब्सक्रिप्शन से किसे फायदा ?
जो पीएचडी कर रहे हैं या किसी शोध में लगे हैं। वेब ऑफ साइंस प्लेटफॉर्म के मुताबिक, अभी दुनिया के करीब 53% साइंटिफिक जर्नल ही ओपन एक्सेस में उपलब्ध हैं और एक अवधि के बाद अधिकांश अनुपलब्ध हो जाते हैं लेकिन इस योजना से शत- प्रतिशत असीमित एक्सेस मिलेगा।
इससे रिसर्च की लागत पर क्या असर होगा
आईआईएम-मुंबई के एक अध्ययन के मुताबिक, इस योजना से रिसर्च लागत में 18% तक की कमी आएगी। • पायलट प्रोजेक्ट कैसा था? क्या फर्क दिखा? पायलट प्रोजेक्ट में पाया गया कि बिना योजना लागू किए 56.7 लाख छात्र, शोधकर्ता व फैकल्टी जर्नल पढ़ रहे थे लेकिन जब यह एक्सेस दी गई तो यूजर्स
बढ़कर 177.82 लाख हो गए। पहले 2,360 संस्थानों में 8,079 जर्नल पढ़े जा रहे थे लेकिन एक्सेस मिलते ही 6,316 संस्थानों में 12,957 जर्नल पढ़े जाने लगे। • लाभ कब से मिलेगा ? कितना खर्च आया ?
यह सुविधा 3 चरण में मिलेगी।
पहला चरण अप्रैल 2025 से शुरू होगा। इसमें केंद्रीय और राज्य स्तर के उच्च शिक्षण संस्थानों और केंद्रीय अनुसंधान संस्थानों से जुड़े छात्रों को एक्सेस मिलेगी। दूसरा चरण अप्रैल 2026 से होगा, जिसमें बाकी संस्थानों को इसकी एक्सेस मिलेगी। अप्रैल 2027 तक सभी लाइब्रेरी में यह एक्सेस मिल जाएगी। इस योजना के लिए सरकार ने 2025 से अगले तीन वर्ष के लिए 6 हजार करोड़ रु. मंजूर किए हैं यानी प्रति वर्ष 2 हजार करोड़ खर्च होंगे। सरकार ने दुनियाभर में 85% जर्नल प्रकाशित करने वाले 30 प्रकाशकों से इसके लिए करार कर लिया है। करीब इतने ही अन्य प्रकाशकों से बातचीत जारी है।