अनाज पोर्टल हैक कर 27 किसानों की पेमेंट हड़पी; अब मोबाइल नंबर अपडेशन आसान नहीं
पंजाब में एक बड़े गिरोह ने फर्जी पहचान पत्र पर लिए मोबाइल नंबर और डिजिटल राष्टर के जरिए सरकारी अनाज पोर्टल को हैक कर 38 आढ़ती के खाते से 27 किसानों की फसल पेमेंट हड़प ली। मुक्तसर में एक कैफे चलाने वाले युवक ने अनाज पोर्टल को कमजोरियों का फायदा उठाते हुए अपने तीन साथियों के साथ मिलकर एक साजिश रची। उन्होंने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर एक मोबाइल नंबर खरीदकर अनाज पोर्टल में किसानों के विवरण बदल दिए। फिर उन्होंने किसानों की फसल की अदायगी अपने खातों में ट्रांसफर कर लो। 38 लाख रुपए की पेमेंट सेंड होने की पुष्टि हो चुकी है। लेकिन यह प्रबैंड कितन लाखों और करोड़ों का हुआ है, कितने किसानों से धोखाधड़ी हुई है. अभी स्टेट साइबर क्राइम की जांच जारी है। पुलिस ने 4 आरोपियों को अरेस्ट किया है। इनकी पहचान मनीश, जसवीर सिंह, अंग्रेज सिंह और बलविंदर सिंह के रूप में हुई है। यह गिरोह मुक्तसर के दूर-दराज इलाकों से अपना काम चला रहा था।
अब इस धोखाधड़ी के बाद फूड सप्लाई विभाग ने नियमों को कड़ा कर दिया है। अब किसी आढ़ती और किसान को अनाज पोर्टल में मोबाइल नंबर अपडेट करने या बैंक खाता नंबर ऐड करने की सुविधा का अधिकार नहीं होगा। अब यह बदलाव फूड सप्लाई के जिला अधिकारी की अनुमति के बिना नहीं होगा। इसे जिला दफ्तर से ही किया जा सकेगा।
इन पर संदेह जांच दौरान मंडी बोर्ड, खाद्य आपूर्ति विभाग और आकृतियों की मिलीभगत होने का संदेह है। क्योंकि यह संभव है कि इनमें से किसी ने मास्टरमाइंडों को अनाज खरीद पोर्टल के बारे में संवेदनशील और तकनीकी खामियों की जानकारी साझा की है. जो कि जाम लोगों के पास नहीं हो सकी। लेकिन अभी तक जांच में किसी भी अधिकारी, कमी का नाम नहीं आया है,
पेमेंट होने के बाद दोबारा से पुराने डिटेल को पोर्टल पर अपडेट कर देते थे आरोपी
जांच में सामने आया है कि इस फ्रॉड से कई छोटे किसानों
जांच में सामने आया है कि इस फ्रॉड से कई छोटे किसानों से लाखों रुपए की धोखाधड़ी की गई है। पेमेंट भी उमी हिसाब से ट्रांसफर करते थे कि किसान को एंट्री से टूटी रकम का पता न चल सके। सबसे बड़ी चालबाजी तो यह होती थी कि जैसे हो अदायगी ट्रांसफर हुई, किसानों के खाते को जानकारी को फिर से अपडेट कर देते थे। इस वजह से किसान से हुई धोखाधड़ी, आढ़ती और फूड सप्लाई विभाग को स्पष्ट कर पाना एक बड़ी चुनौती भी थी।
फसल बेची, आढ़ती के भेजने के बाद पेमेंट खाते में न आई तो शिकायत दी
सीजन 2024-25 के दौरान धान की फसल बेचने के बाद उसके बैंक खाते में 4 लाख 200 रुपए की अदायगी नाहीं आई। पेमेंट न आने से पूरा परिवार परेशान हो गया। आढ़ती को सूचित किया गया। वहां से पता चला कि पेमेंट सेंड हो चुकी है। फूड सप्लाई विभाग को शिकायत की गई। इसके बाद मामले की जांच शुरु हुई। विभाग के पास और भी कई किसानों की शिकायतें आ चुकी थी। पेमेंट न आने से उनकी गेहूं की बिजाई भी लेट हो गई। अब पता चला है कि यह पेमेंट किसी अनाज पोर्टल से छेड़छाड़ कर अपने खाते में सेंड कर ली है। (प्रभजीत सिंह, पीड़ित किसान
मैंने जमीन ठेके पर लेकर धान की बिजाई की
थी। अनाज मंडी में फसल बेव दी गई। लेकिन 2.95 लाख रुपए अदायगी उसके खाते में हों आई। कई दिन इधर उधर दफ्तरों में भटकता रहा। जमीन मालिक ठेका मांगने लगे। लेकिन धान की पेमेंट कहां गई सदमें में कई दिन तक घर में खाना नहीं बना। अब पता चला कि पेमेंट किसी अनाज पोर्टल से छेड़छाड़ कर अपने खने में सेंड कर ली है।
(सरदूल सिंह, पड़ित किसान)
27 किसानों से हुई धोखाधड़ी के बाद अब नियमों को किया है सख्त
तक 27 किसानों से हुई धोखाधड़ी का पता चला है असे की जांच जारी है। इस घटना के बाद नियमों को
कड़ा किया गया है। कोई भी आती व किसान खुद अनाज पोर्टल में मोबाइल नंबर और बैंक खातानं देव नहीं कर सकेंगे। जिला फूड सप्लाई के दफ्तर से ही होय। सरवेश कुमार, बीएम फदर, फूड सप्लाई पंजाब
कई जिलों से आई थी शिकायतें, अब तक 38 लाख
खाद्य और सिथिल आपूर्ति विभाग पंजान को कई जिलों से शिकायतें प्राप्त हुई थी कि उनके खातों में धान के सीजन 2024 के दौचन फसलों की अदायगी प्राप्त नहीं हुई है। किसानों के खाते अपडेट थे। जांच से पता चला कि इन किसानों को की गई अदायगी विभिव्यक्तियों के अलग-अलग बैंक खातों में जमा हो गई है। धीरे धीरे पड़ताल आगे बढ़ती गई, किसानों को धोखाधड़ी खाध की लिस्ट भी लंबी होती गई। अब तक 32 आकृती के खातों के नए 27 किसानों से धोखाधड़ी होने का है। 38 लाख स्पर सेंड होने की पुष्टि हो चुकी है। लेकिन यह संख्या बहु लंबी होने का संदेह है।
इनसे भी हुई ठगी
किसान कलार सिंह
के 2.20 लाख स्पर यादविंदर सिंह के 1.91 के 2.31 लाख रुपय सिंह के लाख रुपए खाते में नहीं