गन्ने की खेती कर प्रति एकड़ में 3 गुना मुनाफा ले रहा युवा

युवा किसान राजू डांगी निवासी लखुआना ने बताया कि 3 वर्ष पहले उन्होंने हिसार में गन्ने की खेती देखी, फिर खुद गन्ने की खेती शुरू की थी। परंपरागत खेती में कॉटन की फसल गुलाबी सूंडी से खराब होने लगी और धान की फसल भी अच्छी नहीं हुई। जिससे उन्होंने गंगा रोड पर अपने खेत में 3 एकड़ गन्ना की बुवाई की।
19 नंबर गन्ना रस के लिए अच्छा होता है, जिसे उन्होंने अपने खेत में नहरी पानी से तैयार किया है। पिछले साल प्रति एकड़ 2 लाख का गन्ना का उत्पादन मिला। जबकि परंपरागत खेती में 60-70 हजार रुपए प्रति वर्ष बचत मुश्किल होती थी। इससे 3 गुना मुनाफा हो रहा है। इस बार भी उन्होंने नहरी पानी से गन्ना फसल तैयार की है। यह दोबारा बिजाई भी नहीं करनी पड़ी।
उनके खेत में गन्ने की ऊंचाई 10 फीट के करीब है। जनवरी-फरवरी में ठंड बढ़ने के साथ ही इसमें मिठास व रस और बढ़ेगा। इसके बाद इसे मार्केट में बेचेंगे इस बार ढाई लाख प्रति एकड़ से अधिक के उपज होने की उम्मीद है। क्वालिटी अच्छी होने से इलाके में डिमांड है। हरियाणा के अलावा पंजाब व राजस्थान से भी ज्यूस बनाने के लिए होलसेलर और दुकानदार संपर्क कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि युवा किसान परंपरागत खेती के साथ ही बागवानी, सब्जी की तरह तरह की खेती करें।