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UPS  को लेकर 17 नवंबर को दिल्ली में होगी रैली,सरकारी कर्मचारियों को मंजूर नहीं है UPS 

UPS  को लेकर 17 नवंबर को दिल्ली में होगी रैली,सरकारी कर्मचारियों को मंजूर नहीं है UPS 
 
november 17 regarding ups ,OPS BREAKING

NMOPS द्वारा 26 सितंबर को देश के सभी जिला मुख्यालय पर विरोध प्रदर्शन आयोजित किया गया था अखिल भारतीय रक्षा कर्मचारी महासंघ के सदस्य ने प्रतिज्ञा ली की जब तक पुरानी पेंशन स्कीम को हासिल नहीं कर लेते तक तक चैन से नहीं बेठेगे NPS में सुधार कर पेंशन स्कीम मे केंद्र सरकार के कर्मचारी संतुष्ट नहीं है अभी तक यूपीएस का बजट जारी नहीं हुआ है लेकिन कर्मचारी संगठनों ने विरोध का विगुल बजा दिया है नेशनल मिशन फॉर ओल्ड पेंशन स्कीम भारत के राष्ट्रीय अध्यक्ष मनजीत पटेल ने कहा है कि 17 नवंबर को नई दिल्ली में OPS बहाली के लिए पेंशन जय घोष महारैली आयोजित की जाएगी रैली की तैयारी के मध्य नजर रखते हुए पटेल ने कई राज्यों का दौरा भी किया है इनका मानना है कि जंतर मंतर पर होने वाली रैली में केंद्र व विभिन्न प्रदेशों की सरकार के कर्मचारी शामिल होंगे पटेल ने कहा है कि हमारा फोकस नाम पर नहीं बल्कि OPS की आत्मा पर है सरकार से अनुरोध है की पेंशन की गणना 25 वर्ष के स्थान पर 20 वर्ष कि जाए और कर्मचारियों के स्थान पर पीएफ की मान्यता रही है ताकि वह कर्मचारी को पूरा वापस मिल जाए।

इस विरोध प्रदर्शन के कड़ी में सबसे पहले एन एम ओ पी एस द्वारा 26 सितंबर को देश के सभी जिला मुख्यालयों पर विरोध प्रदर्शन किया गया अखिल भारतीय रक्षा कर्मचारी महासंघ के सदस्यों ने भी अक्टूबर में यह शपथ ली कि जब तक वह गैर पुरानी पेंशन योजना को हासिल नहीं कर लेते तब तक चैन से नहीं बैठने वाले रेलवे के विभिन्न कर्मचारी संगठन भी यूपीएस के विरोध में खड़े हो गए हैं एडीएफ के महासचिव श्री कुमार ने बताया है कि कर्मचारियों ने यूपीएस के खिलाफ अपने आंदोलन को दोबारा से प्रारंभ करने का निर्णय लिया है यूपीएससी का विरोध किया गया है पिछले 20 वर्षों से केंद्र और राज्य सरकार के कर्मचारी अस्थाई पेंशन योजना के खिलाफ लड़ रहे हैं उनकी मांग है कि गैर अस्थाई पुरानी पेंशन योजना को फिर से शुरू किया जाए सरकारी योजना के पास अब यही विकल्प बचा है कि वे UPS में शामिल हो या NPS में बने रहे बतौर श्री कुमार का कहना है कि यूपीएस कुछ नहीं है बल्कि एनपीएस का विस्तार है राज्य सरकार के कर्मचारी संगठनों ने भी यूपीएस को बारिश कर दिया है कई राज्य में रैलियां और विरोध प्रदर्शन किया गया है वह यूपीएस को स्वीकार नहीं कर सकते वजह यह है कि अस्थाई प्रकृति की योजना है कर्मचारियों की संचित निधि जिसमें उन्होंने तीन दशकों से अधिक समय तक योगदान दिया है उसे वापस नहीं लौटाया जाएगा भले ही पेंशन की पात्रता 25 साल रखी गई है लेकिन कर्मचारियों को पेंशन 60 वर्ष की आयु के बाद ही दी जाएगी पुरानी पेंशन योजना में मिलने वाले कई लाभ एनपीएस /यूपीएस में ही नहीं मिलते इसी कारण कर्मचारी को आर्थिक हानि भी होगी।


महात्मा गांधी जयंती यानी 2 अक्टूबर को प्रत्येक सदस्य ने शपथ ली थी कि वह एक रक्षा नागरिक कर्मचारी विनाशकारी एनपीएस और यूपीएस अस्थाई पेंशन योजना से मुक्त होने के लिए संघर्ष और आंदोलन करने के लिए शामिल होंगे वीसीसी पेंशन नियम 1972 के तहत गैर अस्थाई पेंशन प्राप्त करने के लिए सभी ट्रेन यूनियन कार्यक्रमों का समर्थन करेंगे और इसमें भाग लेंगे कर्मचारियों ने यह शपथ ली कि  जब तक गैर अंशदायी पुरानी पेंशन योजना हासिल नहीं कर लेते तब तक चैन से नहीं बैठेंगे सभी सरकारी कर्मचारियों के इस वास्तविक और उचित मांग को वास्तविकता में बदलने के लिए सब एक है इस बाबत दूसरे कर्मचारी संगठन में भी चर्चा हो रही है।