EPF के नए नियमों से निजी सेक्टर वालों की 12500 तक हो सकती है पेंशन, मिलेगा फायदा।
epfo:किसी भी कर्मचारी का इपीएफ से बाहर निकलने से पहले 60 महीना का पेंशन वेतन इसका औसतन वेतन माना जाता है अब सरकार हायर पेंशन स्कीम भी लाइ है जिसके तहत या लिमिट बढ़ाई गई है।
हायर पेंशन स्कीम क्या है।
हायर पेंसिल स्कीम के माध्यम पेंशन योग्य सैलरी भी बढ़ेगी यानी जिस आधार पर पेंशन का कैलकुलेशन होता है मौजूदा नियमों के अनुसार कर्मचारी पेंशन योजना के तहत पेंशन योग्य सैलरी की अधिकतम सीमा ₹15,000 हैं किसी भी कर्मचारी का एप्स से बाहर निकलने से पहले 60 महीना का पेंशन योग्य वेतन इसका औसत मासिक वेतन माना जाता है अब सरकार हायर पेंशन स्कीम लेकर आई है जिसके माध्यम से लिमिट बढ़ाई जानी है कई मजदूर यूनियन ने बढ़ाकर ₹25,000 करने के डिमांड रखी है जिस पर वित्त मंत्रालय विचार कर रहा है ऐसा हुआ तो आपकी मंथली पेंशन बढ़ा दी जाएगी।
किसे मिलती हैं पेंशन।
अगर आप प्राइवेट जॉब में है और प्राइवेट फंड में आपका पीएफ कटता है और 10 साल तक नौकरी कर ली है तो आप भी पेंशन की हकदार है आपके प्रो रिटेंड फंड अकाउंट में जमा होने वाले फंड का एक हिंसा पेंशन फंड के लिए कर्मचारी पेंशन योजना में जाता है कर्मचारी पेंशन योजना एक पेंशन स्कीम है जिसको मैनेज करने का काम ईपीएफओ का होता है इपीएस को 1995 में शुरू किया गया है यह है और ऑर्गेनाइज्ड सेक्टर में काम कर रहे कर्मचारियों के लिए है इस योजना का लाभ तभी मिलेगा जब आपकी नौकरी का कार्यकाल कम से कम 10 साल का हो या पेंशन आपको 58 साल की उम्र पूरी होने के बाद में मिलेगी।
उदाहरण के लिए मान लीजिए अगर आपने 23 साल में नौकरी करनी शुरू की और आपकी आयु58 साल में रिटायर हो गए है यानी अपने कुल 35 साल तक नौकरी की है अगर एप्स से बाहर निकलने से पहले 60 महीना में आपके अधिकतम बेसिक सैलरी ₹25,000 मानी गई है तो पेंशन का कैलकुलेशन इसी पर होगा किसी भी कर्मचारी का एप्स से बाहर निकलने से पहले 60 महीना का पेंशन योग्य वेतन का और मसिक वेतन होता है अभी इस पर₹15,000 की कैपिंग है हायर पेंशन स्कीम के तहत इसे ₹25,000 तक बढ़ाया जा सकता है आपके रिटायरमेंट के बाद बेसिक ज्यादा भी हो सकती है लेकिन अभी जिस तरह से ₹15,000 की कैपिंग में इस तरह आगे ₹25000 अधिकतम लिमिट मानी जाएगी।
ईपीएफओ और ईपीएस में कैसे होता है योगदान।
अगर मौजूदा समय की बात करें तो हर महीने पीएफ खाते में कर्मचारियों की बेसिक सैलरी डीए का 12% जमा होता है एंपलॉयर का योगदान 12 फीसदी ही होता है कंपनी द्वारा दिए जाने वाले योगदान में से 8.33 राशि कर्मचारियों के पेंशन फंड में जाती है और बाकी 3 पॉइंट 6 7 फीसदी पीएफ खाते में जाती है।
मौजूदा नियमों के अनुसार पेंशन योग्य सैलरी की अधिकतम सीमा ₹15,000 होती है ऐसे में 12,50 रुपए हर महीने पेंशन खाते में जाएंगे।
कुछ जरूरी नियम।
कर्मचारी अगर ईपीएफओ में योगदान करता है तो 10 साल नौकरी करने के बाद पेंशन लेने का हकदार माना जाता है हालांकि यह पेंसिल 58 साल की उम्र पूरी होने के बाद मिलती है 50 साल बाद भी पेंशन ली जा सकती हैं लेकिन तब तक कटौती के साथ पेंशन मिलेगी 50 साल से कम उम्र में नौकरी छोड़ दी तो पेंशन के लिए 58 साल की उम्र पूरा होने का इंतजार करना होगा जिसके बाद पेंशन मिलेगी इसके बाद पेंशन मिलेगी अगर नौकरी करते 10 साल पूरे नहीं हुई तो पूरे पेंशन फंड निकाला जा सकता है।