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वंदे भारत स्लीपर कोच 3 महीने में यात्रियों का परिचालन शुरू किया जाएगा, राजधानी के बराबर होगा इसका किराया।

वंदे भारत स्लीपर कोच 3 महीने में यात्रियों का परिचालन शुरू किया जाएगा, राजधानी के बराबर होगा इसका किराया।
 
vande india sleeper coach
vande india sleeper coach :रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने 'वंदे भारत स्लीपर कोच' के प्रोटोटाइप संस्करण का अनावरण किया। उन्होंने बीईएमएल फैसिलिटी में बताया कि कोच को ट्रैक पर उतारने से पहले 10 दिनों में कठिन परीक्षणों और परीक्षा से गुजरना होगा। अगले तीन महीनों में इस ट्रेन से यात्रियों का परिचालन शुरू करने की तैयारी है।

रेलवे मंत्री अश्विनी वैष्णव ने रविवार को भारत अर्थ मूवर्स लिमिटेड (बीईएमएल) के परिसर में एक नई बंदे भारत विनिर्माण सुविधा की आधारशिला भी रखी। 16 डिब्बों वाली वंदे भारत स्लीपर ट्रेन रात भर की यात्रा के लिए है। यह 800 से 1200 किमी की दूरी तय करेगी। ट्रेन में आक्सीजन का स्तर और वायरस से सुरक्षा जैसी अतिरिक्त विशेषताएं भी हैं। यह ट्रेन मध्यम वर्ग के लिए है। उन्होंने कहा, "बहुत सावधानी बरतते हुए, कई सारे सुरक्षा विशेषताओं के साथ, स्टाफ के लिए सुविधाओं को ध्यान रखते हुए बंदे चेयरकार, बंदे स्लीपर, बंदे मेट्रो और अमृत भारतजैसी चार ट्रेनों की व्यवस्था की गई है।' रखरखाव कर्मचारियों के लिए एक अलग कैबिन भी बनाया गया है। आगामी डेढ़ से दो महीनों तक इसकी टेस्टिंग चलेगी और तीन महीने के बाद यह सेवा में आएगी। वंदे भारत स्लीपर कारों के प्रोटोटाइप का ठीक से परीक्षण होने के बाद निर्माण कार्य डेढ़ साल बाद शुरू होगा। फिर हर महीने दो से तीन ट्रेनें चलनी शुरू हो जाएंगी।

मध्यम वर्ग के लिए है ये स्लीपर : उन्होंन बताया कि वंदे भारत स्लीपर मध्यम वर्ग की सवारी है। इसलिए इसका किराया किफायती होगा। यह राजधानी एक्सप्रेस के बराबर होगा। इसके डिजाइन में भी कई चीजों के नवाचार लाए गए हैं। नई ट्रेन डिजाइन करना बहुत मुश्किल काम है। अतः बंदे भारत ट्रेन के डिजाइन में सुधार किया जा रहा है। वंदे भारत मेट्रो के लिए भी यही सिद्धांत अपनाया जाएगा। बंदे भारत ट्रेन में खाने की खराब गुणवत्ता पर उन्होंने कहा, रेलवे रोजाना 13 लाख लोगों के लिए भोजन परोसता है और शिकायत 0.01 प्रतिशत है। फिर भी इस पर सख्त से सख्त कार्रवाई करेंगे। उन्होंने कहा कि देश में विकसित आधुनिक तकनीकें जैसे कवच को युद्धस्तर पर लागू किया जाएगा। देश में 1326 रेलवे स्टेशनों का पुनर्विकास हो चुका है।