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आंखों का चश्मा हटाने के लिए करें इस दवा का प्रयोग, सरकार ने भी दी मंजूरी।

आंखों का चश्मा हटाने के लिए करें इस दवा का प्रयोग, सरकार ने भी दी मंजूरी।
 
आंखों का चश्मा

आजकल आंखों से संबंधित कई प्रकार की बीमारियां इस वक्त लगातार बढ़ रही है कुछ समय पहले तक आंखों की समस्या को आयु के बढ़ने के साथ होने वाले विकारों के रूप में देखा जाता था लेकिन अब कम उम्र के लोग भी इसके शिकार हो रहे हैं कई मामलों में देखा गया है कि कम उम्र के बच्चों को चश्मा लग जाता है डॉक्टर  बताते हैं की लाइफ स्टाइल और आहार में गड़बड़ी के अलावा बढ़ा हुआ स्क्रीन टाइम भी आंखों के लिए नुकसानदायक होता है जिसके कारण कम दिखाई देने से लेकर ड्राई आइस, आंखों में दर्द ,ग्लूकोमा और कुछ स्थितियों में रोशनी तक चले जाने की समस्या भी सामने आती है।


स्वास्थ्य विशेषज्ञों क्या कहना है कि आंखों को स्वस्थ रखने के लिए पौष्टिक आहार के सेवन के साथ नियममित रूप से अभ्यास करना भी जरूरी है पलकों को झपकाने की आदत इसमें सबसे फायदेमंद मानी जाती है लेकिन सवाल यह है कि जिन लोगों को नंबर वाला चश्मा लग चुका है यानी जो लोग बिना चश्मे के पढ़ नहीं पाते मुश्किलें महसूस करते हैं वह बिना चश्मे के इस्तेमाल से कैसे सम्मान जीवन जिएंगे ऐसे रोगियों को जो चश्मा लगाते हैं उनके लिए  एक खुशखबरी है।


कैसे हट सकता है पावर वाला चश्मा।

चश्मा दृष्टि दोष को सुधारने का सामान्य तरीका है लेकिन एक बार नंबर वाला चश्मा का प्रयोग करने लगते हैं तो सभी मामलों में चश्मे का इस्तेमाल पूरी तरह से बंद करना  असंभव है आप अपनी आंखों की सेहत में सुधार कर सकते हैं और चश्मे पर निर्भरता को कम कर सकते हैं इसके लिए स्वस्थ आहार और पोषक ,आंखों का व्यायाम, काटैक्स लेंस, प्राप्त नींद और आराम के जरिए आंखों की सेहत में सुधार लाया जा सकता है लेकिन अब बिना चश्मे के नहीं रह पाने वाले रोगियों को खुशखबरी मिलने वाली है दृष्टि में सुधार के लिए बाजार में आई ड्रॉप आने वाला है इस आई ड्रॉप को लेकर दावा किया जा रहा है कि इसके प्रयोग से आंखों का चश्मा हट जाएगा केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन सीडीएससीओ ने पहली बार एक ऐसी आई ड्रॉप्स को बाजार में बिक्री के लिए मंजूरी दी है जो प्रेसबायोपिया से पीड़ित रोगियों के लिए बनाया गया है जो बिना चश्मे के भी पढ़ पाएंगे।


प्रेसबायोपिया क्या है।

यह एक आम नेत्र रोग है जो उम्र के साथ विकसित होता है खास तौर से 40 वर्ष की आयु के बाद व्यक्तियों को यह स्थिति प्रभावित  करती है यह प्राकृतिक प्रक्रिया है जिसे आंखों के लेंस का लचिलापन कम हो जाता है जिसे निकट की वस्तुओं को साफ  देखना कठिन हो जाता है सरल शब्दों में यह एक प्रकार का निकट दृष्टि दोष है जो आमतौर पर 40 वर्ष की आयु के बाद लोगो में देखा जाता है।

आई ड्रॉप के फायदे।


ड्रंक कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया ने एंनटोड फार्मास्यूटिकल्स को प्रेसवू आई ड्रॉप्स को मंजूरी दे दी है यह ड्रॉप को लेकर कंपनी ने अपने बयान में कहा कि यह फार्मूला केवल पढ़ने वाले को चश्मे से छुटकारा दिलाता है बल्कि मरीज को एक अतिरिक्त लाभ भी देता है आंखों के स्वास्थ्य में सुधार से चश्मा हटाने के साथ-साथ यह आई ड्रॉप आंखों को नमी देने में भी मदद करता है।