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गोभी वर्गीय सब्जियों में जैविक विधियों का प्रयोग कर बीमारियों से मुक्त कर पाएं अधिक उत्पादन,नवंबर में तैयार अवस्था में पहुंच जाते हैं पौधे, दवाइयों का छिड़काव जरूरी

गोभी वर्गीय सब्जियों में जैविक विधियों का प्रयोग कर बीमारियों से मुक्त कर पाएं अधिक उत्पादन
 
गोभी वर्गीय सब्जियों

गोभी वर्गीय सब्जियों के पौधे तैयार होने की अवस्था में पहुंच चुके हैं। इन सब्जियों का अधिक गुणवत्तापूर्ण एवं स्वस्थ उत्पादन लेने के लिए कुछ जैविक दवाइयों का पौधों पर छिड़काव करना जरूरी है। ऐसा करने से सब्जियों के आकार, रंग और चमक में वृद्धि होती है। डॉक्टर सुरेश कुमार अरोड़ा, पूर्व अध्यक्ष सब्जी विज्ञान विभाग हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय हिसार ने बताया कि इसके लिए कुछ महत्वपूर्ण बातों का ध्यान रखना बेहद जरूरी है। इन सब्जियों में मुख्य रूप से फूलगोभी, बंद गोभी, गांठ गोभी, ब्रोकली, बरूसल स्प्राउट, चाइनीस कैबेज और लाल बंद गोभी का शामिल है। 

पौधों पर छिड़काव की ये छह विधियां अपनाएं

1 पौधों की वृद्धि के समय मल्टीप्लेक्स ऑर्गेनिक मैजिक का छिड़काव -  करना जरूरी है। 2 एमएल प्रति 1 लीटर पानी में मिलाकर प्रति एकड़ में पौधों पर छिड़काव से फसल की गुणवत्ता व उपज में बढ़ोतरी होती है।

नालियों में इफको नामक

2 नालियों  एनपीके (19:19:19) का 100 किलो प्रति एकड़ की दर से जमीन में मिला तने तक मिट्टी चढ़ाएं।

3 पौधों पर रसायनिक खाद  का 500 ग्राम प्रति एकड़ की दर से ढाई सौ लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव कर सकते हैं।

4 इफन्को-एमसी हामैटस्यू का 4ml प्रति 1 लीटर पानी में मिलाकर 250 लीटर पानी में 1 लीटर दवा मिला छिड़काव करना चाहिए।

5 कीट का आक्रमण होने पर  नीम आयल 300 पीपीएम जिसका 5 एमएल प्रति 1 लीटर पानी में घोल बना पौधों पर छिड़काव करें।

6 टैप्टो, स्टेनस्टिंग, सूड़ोमोनाश, बिवेरिया बासियाना, वैक्टोकोन  आदि दवाइयों का प्रत्येक 5 एमएल प्रति 1 लीटर पानी की दर से अलग-अलग छिड़काव करें। कीट व बीमारी से फसल मुक्त रहती है।