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unified pension scheme :एनपीएस का विरोध, ओपीएस की बढ़ती मांग के बीच यूनिफाइड पेंशन योजना मंजूर

केंद्रीय कर्मियों को बेसिक सैलरी की आधी पेंशन की गारंटी।
 
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1 अप्रैल 2025 से लागू होगी, रिटायर हो चुके तो भी लाभ

unified pension scheme:ओपीएस की बढ़ती मांग और हरियाणा तथा जम्मू-कश्मीर में चुनाव प्रक्रिया के बीच केंद्र सरकार ने कर्मचारियों को खुश करने के लिए बीच का रास्ता निकाला है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय कैबिनेट ने शनिवार को यूनिफाइड पेंशन स्कीम (यूपीएस) को मंजूरी दी। इसके तहत मूल वेतन की 50% राशि गारंटेड पेंशन के रूप में मिलेगी।

इसके दायरे में 1 अप्रैल 2004 के बाद जॉइन करने वाले सभी 23 लाख केंद्रीय कर्मचारी आएंगे। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया, कर्मचारियों ने एनपीएस में बदलाव की मांग की थी।

पिछले साल कैबिनेट सचिव टीवी सोमनाथन की अध्यक्षता में कमेटी बनाई गई। इसने विभिन्न संगठनों और राज्यों के साथ 100 से ज्यादा बैठकें कीं।

कर्मचारी एनपीएस या यूपीएस में से कोई एक स्कीम चुन सकेंगे। राज्य भी इसे अपना सकेंगे। ऐसा होता है तो केंद्र और राज्य कर्मचारियों की संख्या 90 लाख हो जाएगी। यूपीएस 1 अप्रैल 2025 से लागू होगी। इस फैसले का सरकारी कर्मचारियों ने स्वागत किया है। जॉइंट कंसल्टिव मशीनरी के सेक्रेटरी शिव गोपाल मिश्रा ने कहा कि यह सरकारी कर्मचारियों के लिए गर्व का पल है।

समझिए तीनों पेंशन स्कीम में अंतर.... ओल्ड पेंशन स्कीम (OPS) कर्मचारी को आखिरी वेतन का 50 फीसदी पेंशन के रूप में मिलता था।

कर्मचारी को कोई योगदान नहीं देना पड़ता था। योजना में केवल सरकारी कर्मचारी शामिल थे। डियरनेस रिलीफ (डीआर) का प्रावधान था। यानी हर छह महीने में महंगाई के अनुसार पेंशन बढ़ जाती थी। 20 वर्ष की सेवा पूरी होने पर 50% पूर्ण पेंशन के हकदार होते थे। नेशनल पेंशन स्कीम (NPS) निवेश के आधार पर पेंशन मिलती थी।

सरकारी-निजी सभी कर्मचारियों के लिए है। सरकारी कर्मचारी 10% योगदान, सरकार 14% योगदान देती है। चूंकि एनपीएस का बाजार में निवेश होता था इसलिए बाजार के फायदे शामिल हैं। रिटायरमेंट के समय कुल जमा का 60% एकमुक्त निकाला जा सकता है। शेष 40% पेंशन के रूप में फिक्स होता है।

यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) आखिरी वेतन की 50% पेंशन मिलेगी।

10 वर्ष से अधिक और 25 वर्ष से कम में रिटायर हुए तो आनुपातिक रूप से लाभ मिलेगा। कर्मचारी का योगदान 10% और सरकार का 18.5% होगा। एनपीएस की तरह बाजार से जुड़ा निवेश नहीं होगा, जबकि ओपीएस की तरह डीआर का प्रावधान रहेगा। एनपीएस वाले कर्मचारी भी शामिल हो सकेंगे।

25 साल की सेवा और 50 हजार रु. के मूल वेतन पर गणना ओपीएस

पेंशनः मूल वेतन का 50% यानी 25,000 रुपए डीए

फैमेली पेंशनः मूल वेतन का 30% यानी 15,000 रुपए डीए न्यूनतम पेंशनः 9,000 रुपए डीए यूपीएस

पेंशनः मूल वेतन का 50% यानी 25,000 रुपए + डीआर फैमेली पेंशनः मूल वेतन का 60% यानी 30,000 रु. डीआर न्यूनतम पेंशनः 10,000 रुपए डीआर यूपीएस में ग्रेच्युटी में नुकसान 25 साल की नौकरी और 50 हजार रुपए के मूल वेतन पर पुरानी पेंशन स्कीम में ग्रेच्युटी 12,37,500 रुपए बनेगी। जबकि यूनिफाइड पेंशन स्कीम में यह 9,37,500 रुपए होगी।

यूपीएस बेहतर : पेंशन योजना का खाका तैयार करने वाली समिति के चेयरमैन रहे पूर्व कैबिनेट सेक्रेटरी टीवी सोमनाथन का कहना है कि एनपीएस की तुलना में यूपीएस 99% तक बेहतर है। इसमें निश्चित पेंशन का विकल्प है। (जैसा महेंद्र सिंह ठाकुर, महास चिव, आयकर कर्मचारी महासंघ (एमपीसीजी) ने बताया) देश की प्रगति के लिए कठिन परिश्रम करने वाले सभी सरकारी कर्मचारियों पर हमें गर्व है।

यूनिफाइड पेंशन स्कीम इन कर्मचारियों की गरिमा और आर्थिक सुरक्षा को सुनिश्चित करने वाली है। यह कदम उनके कल्याण और सुरक्षित भविष्य के लिए हमारी सरकार की प्रतिबद्धता दर्शाता है। नरेंद्र मोदी, प्रधानमंत्री।

विपक्ष शासित राज्य लागू कर चुके थे ops,nps के अश्योर्ड पेंशन न होने के कारण बड़ी संख्या में सरकारी कर्मचारी ops की मांग कर रहे हैं। राजस्थान, हिमाचल, झारखंड, छत्तीसगढ़ सहित कई गैर-भाजपा शासित राज्यों ने old pension scheme लागू की थी। इसके चलते अन्य राज्यों और केंद्र सरकार पर इसका दबाव था। यह चुनाव में बड़ा मुद्दा भी बना था।