टमाटर कि इन किस्म के लिए ये दिन है बुवाई के, बुवाई करते समय खेत कि इस प्रकार करें जुताई
सितंबर का महीना टमाटर की नर्सरी तैयार करने के लिए मौसम अनुसार अत्यंत लाभदायक है इस समय की गई तैयारी से अक्टूबर में पौधा खेत में ट्रांसप्लांट कर सकते हैं। जिससे अक्टूबर में लगाए हुए पौधे की दिसंबर जनवरी तक टमाटर की फसल निकालने की शुरुआत हो जाएगी। वैज्ञानिकों की सलाह माने तो काशी स्वर्ण ,काशी समुद्री और काशी अमन जैसी वैरायटी का चयन करके किसान अच्छी गुणवत्ता और अच्छा उत्पादन अपने टमाटर की खेती से प्राप्त कर सकता है।
इन वैरायटी की विशेषताओं और उपज संस्था के कारण किसान अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं यदि आप भी टमाटर की खेती करना चाहते हैं तो सितंबर महीने में नर्सरी तैयार कर ले और इस सीजन की फसल का आप लाभ उठाएं इस टाइम टमाटर का पौध तैयार करने से आपकी आय में बढ़ोतरी होगी।
डॉ राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय पूसा के हॉर्टिकल्चर डिपार्मेंट इंचार्ज सा वैज्ञानिक डॉक्टर आदित्य कुमार ने ops news को बताया कि टमाटर के बीजों को सीधे खेत में बोने के बजाय पहले नर्सरी में उगना अच्छा तरीका है नर्सरी में पौधे 4 से 5 सप्ताह में 10 से 15, 20 सेंटीमीटर की ऊंचाई तक पहुंच जाएंगे उसके बाद इन्हें खेत में प्रतिरोपित करने पर पैदावार बढ़ेगी।
डॉक्टर की टीम ने यह भी बताया कि बीजों को 2 ग्राम कैप्टान प्रति किलोग्राम बीज के हिसाब से उपचारित करना आवश्यक है बीजों को 5 से 7 या 10 सेंटीमीटर के फैसले पर लाइन में लगे बीजों के अंकुरण होने के बाद के पान के 0.2% गोल से तैयारी का उपचार करें नर्सरी में पौधों की फव्वारे द्वारा ही सिंचाई करें ताकि पौधे में अत्यधिक पानी न जा सके।
टमाटर के रोपण के लिए अच्छी तरह से चूर्णित और समतल मिट्टी की आवश्यकता होती है. इसके लिए, भूमि को 4-5 बार जुताई करें ताकि मिट्टी बारीक हो जाए. जुताई के बाद, मिट्टी के स्तर को ठीक करने के लिए प्लैंकिंग की जाती है. इससे मिट्टी की सतह को समतल किया जाता है, जो पौधों की वृद्धि के लिए लाभकारी होता है. अंतिम जुताई के समय, मिट्टी में अच्छी तरह से विघटित गोबर डालें. इसके साथ ही, कार्बोफ्यूरॉन 5 किलोग्राम या नीम केक 8 किलोग्राम प्रति एकड़ की दर से डालें.
ये उर्वरक मिट्टी की गुणवत्ता सुधारते हैं और फसल की अच्छी वृद्धि में उपयुक्त होते हैं. इस प्रक्रिया के माध्यम से, आप टमाटर की फसल के लिए उपयुक्त मिट्टी तैयार कर सकते हैं, फिर वक्त खेत में ट्रांसप्लांट कर तैयारी बनाकर पौधा को रोक सकते हैं. जो पौधों के स्वस्थ विकास और अच्छी उपज में योगदान करेगी