OpsBreaking

कम सिंचाई में अधिक पैदावार देने वाली गेहूं की वैरायटी आपको कर देगी मालामाल, दो या तीन सिंचाई में पककर हो जाएगी तैयार।

कम सिंचाई में अधिक पैदावार देने वाली गेहूं की वैरायटी आपको कर देगी मालामाल, दो या तीन सिंचाई में पककर हो जाएगी तैयार।
 
गेहूं की वैरायटी

धान की कटाई के बाद किसान गेहूं की बुवाई की तैयारी कर रहे हैं ऐसे में कुछ गेहूं की वैरायटी है जिन्हें किसान कम लागत में लगाकर अधिक मुनाफा ले सकते है और अच्छी पैदावार ले सकते है।


पूसा तेजस-यह एक ऐसी गेहूं की वैरायटी है जिसे इंदौर कृषि अनुसंधान केंद्र में विकसित किया गया है यह किस्म 65 से 75 क्विंटल प्रति एकड़ तक पर पैदावार देती है पूसा तेजस काले और भूरे रतवा रोग के लिए प्रतिरोधी है और इसका दाना बड़ा, चमकदार और लंबा होता है यह रोटी बनाने और बेकरी उत्पादों के लिए बहुत उपयुक्त है बिजाई के बाद यह 115 से 125 दिन में पक्कर तैयार हो जाती है इसके एक पौधे में 10 से 12 करले होते हैं जो पैदावार बढ़ाने में सहायता करते हैं।


जी डब्लू 322- यह गेहूं की एक लोकप्रिय वैरायटी है जिसे मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के किसान बोते हैं यह की प्रति एकड़ 60 से 65 क्विंटल तक पैदावार देती है इस किस्म से बनी रोटी अधिक स्वादिष्ट होती है यह किस्म सुखे की स्थिति को सहन कर सकती है और इसे सिर्फ तीन या चार बार सिंचाई की आवश्यकता होती है यह किस्म भी कई बीमारियों के प्रतिरोधी होती है और 120 से 125 दिन में पक्कर तैयार हो जाती है।


एचडी 4728- इस किस्म को पूसा मालवीय के नाम से भी जाना जाता है सिंचित क्षेत्र में समय पर बुवाई के लिए यह की उपयुक्त है यह किस्म मध्य प्रदेश के लिए विशेष रूप से अच्छी है और 120 दिन में पककर तैयार हो जाती है प्रति एकड़ 55 से 57 क्विंटल तक पैदावार देती है और से तीन से चार सिंचाई की आवश्यकता होती है यह हल्के सुखे की स्थिति को भी सहन कर सकती है इस गेहूं से दलिया, बाटी, सूजी आदि पोषक व्यंजन बनाए जा सकते हैं।


श्री राम 11- गेहूं की यह वैरायटी मध्य प्रदेश के किसानों के बीच अधिक लोकप्रिय है यह वैरायटी देर से बुवाई के लिए उपयुक्त मानी जाती है और 3 महीने में तैयार हो जाती है इसके दाने चमकदार होते है और यह औसत 60 से 65 कुंटल प्रति एकड़ तक देती है इस किस्म को श्री राम फर्टिलाइजर एंड केमिकल्स के विज्ञानिको को दोबारा तैयार किया गया जिससे किसानों को अधिक पैदावार मिलती है।