दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने लॉरेंस बिश्नोई गैंग के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए 7 शूटरो को एक साथ किया गिरफ्तार

दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल टीम ने लॉरेंस बिश्नोई गैंग के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए सात संदिग्ध सूटरो को गिरफ्तार किया। अधिकारियों के बताएं अनुसार यह सूटर राजस्थान में किसी को निशाना बनाने की योजना बना रहे थे यह गिरफ्तारियां 12 अक्टूबर को मुंबई में एनसीपी नेता और महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री बाबा सिद्ध की की सनसनी खेज हत्या के कुछ दिनों बाद हुई है बिश्नोई गैंग ने हत्या की जिम्मेदारी ली थी।
अधिकारियों ने कहा कि सात गिरफ्तारियां पंजाब और अन्य राज्यों से की गईं और पकड़े गए लोगों के पास से भारी मात्रा में हथियार और गोला-बारूद भी बरामद किया गया है। एक अधिकारी ने कहा कि ऐसा संदेह है कि वे आरजू बिश्नोई के निर्देश पर राजस्थान में किसी को निशाना बनाने की योजना बना रहे थे, जो जेल में बंद गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई का करीबी विश्वासपात्र है। उन्होंने कहा कि आरोपियों से आगे की पूछताछ की जा रही है।
लॉरेंस के भाई पर 10 लाख का इनाम घोषित इससे पहले राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई के भाई अनमोल बिश्नोई की गिरफ्तारी के लिए 10 लाख रुपये के इनाम की घोषणा की है। अनमोल पर 2022 में दर्ज दो एनआईए मामलों में आरोपपत्र दाखिल किया गया है। मुंबई में चल रही जांच के सिलसिले में हाल ही में उनका नाम चर्चा में आया, खासकर एक राजनीतिक दल से जुड़ी गतिविधियों से संबंधित। अनमोल इस साल की शुरुआत में बॉलीवुड अभिनेता सलमान खान के आवास के बाहर हुई गोलीबारी की घटना के सिलसिले में भी वांछित है।
यह घोषणा संगठित अपराध और उससे जुड़ी गतिविधियों में शामिल व्यक्तियों को पकड़ने के लिए एनआईए के चल रहे प्रयासों का हिस्सा है। अधिकारी अनमोल बिश्नोई के ठिकाने के बारे में जानकारी रखने वाले किसी भी व्यक्ति से आगे आने का आग्रह कर रहे हैं। अनमोल विभिन्न आपराधिक गतिविधियों से जुड़ा रहा है और उसे संगठित अपराध में एक महत्वपूर्ण व्यक्ति माना जाता है। अधिकारियों का मानना है कि उसकी गिरफ्तारी से पूरे क्षेत्र में अवैध संचालन में शामिल व्यापक नेटवर्क के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी मिल सकती है।
जनवरी में NIA ने की थी 32 स्थानों पर छापेमारी बताते चलें कि, जनवरी में एनआईए की टीमों ने मेगा ऑपरेशन के तहत पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, उत्तर प्रदेश और दिल्ली के साथ-साथ चंडीगढ़ में कुल 32 स्थानों पर छापे मारे थे। तलाशी में जब्त की गई चीजों में दो पिस्तौल, दो मैगजीन और गोला-बारूद के साथ-साथ 4.60 लाख रुपये की नकदी, दस्तावेज और डिजिटल डिवाइस शामिल थे। लॉरेंस बिश्नोई और गोल्डी बराड़ सहित उसके साथियों के निर्देश पर यूए (पी) ए के तहत चलाए जा रहे संगठित
अपराध सिंडिकेट के खिलाफ एनआईए द्वारा दर्ज मामले में कुल सात ठिकानों पर छापेमारी की गई।
सिंडिकेट ने 'नामित व्यक्तिगत आतंकवादी' हरविंदर सिंह उर्फ रिंदा के साथ सक्रिय साजिश में देश के कई राज्यों के साथ-साथ विदेशों में भी अपने माफिया शैली के आपराधिक नेटवर्क फैलाए हैं। ये नेटवर्क कई सनसनीखेज अपराधों में शामिल रहे हैं, जैसे कि लोकप्रिय पंजाबी गायक सिद्धू मूसेवाला की हत्या के साथ-साथ प्रदीप कुमार जैसे धार्मिक और सामाजिक नेताओं की हत्या, इसके अलावा व्यापारियों और पेशेवरों से बड़े पैमाने पर जबरन वसूली।