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सामने आई देश की पहली हाइड्रोजन ट्रेन की तस्वीर , सोनीपत-जींद के बीच इस तरह की हाइड्रोजन ट्रेन का संचालन होगा।

सामने आई देश की पहली हाइड्रोजन ट्रेन की तस्वीर , सोनीपत-जींद के बीच इस तरह की हाइड्रोजन ट्रेन का संचालन होगा।
 
 हाइड्रोजन ट्रेन
The country's first hydrogen train will be operated between Sonipat-Jind.

भारतीय रेलवे ने देश की पहली हाइड्रोजन ट्रेन के संचालन की दिशा में एक कदम और बढ़ा दिया है। अनुसंधान अभिकल्प और मानक संगठन (आरडीएसओ) लखनऊ ने इसका डिजाइन तैयार कर लांच कर दिया है। लखनऊ में शुरू की गई छठी इनो रेल- 2024 प्रदर्शनी एवं सम्मेलन में इसके माडल ट्रेनसैट ने सभी का ध्यान आकर्षित किया। आधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित यह ट्रेन चेन्नई स्थित इंटीग्रल कोच फैक्ट्री में बन रही है और आगामी मार्च तक सोनीपत- जींद रेलवे लाइन पर इसका ट्रायल शुरू हो जाएगा। इस ट्रेन के देश में संचालन के साथ ही जर्मनी, फ्रांस, स्वीडन और चीन के बाद भारत हाइड्रोजन ट्रेन संचालित करने वाला का पांचवां देश बन जाएगा।

दुनिया रेलवे अधिकारियों के मुताबिक हाइड्रोजन से चलने वाली ट्रेन के ट्रायल के लिए जींद- सोनीपत रूट को विशेष कारणों से चुना गया.
है। यह दिल्ली के नजदीक सबसे नया मार्ग है और बुनियादी ढांचा बेहतर होने के साथ ट्रेन यातायात भी कम है। यहां सीएनजी चलित लोको के साथ ट्रेन का सफल ट्रायल हो चुका है। इसी वजह से हाइड्रोजन ट्रेन के प्रदर्शन, सुरक्ष और परिचालन क्षमताओं का आकलन करने में मदद मिलेगी। ट्रायल के दौरान शुरू में सोनीपत से जींद तक बिना ठहराव के चलाया जाएगा। उसके बाद प्रत्येक स्टेशन पर रोक कर संचालन किया जाएगा। 89 किमी लंबे रूट पर सेनीपत और जींद को मिलाकर 14 स्टेशन हैं।

हाइड्रोजन ट्रेन की कुछ खास बातें 

400 किलो हाइड्रोजन भरने की क्षमता

375 किलोमीटर के चार फेरे लगेंगे

08 कोच की ट्रेन दुनिया की सबसे बड़ी हाइड्रोजन ट्रेन होगी

2,638 यत्रियों की क्षमता के साथ इसे चलाया जाएगा

110 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से किया जाएगा ट्रायल

3 कोच में हाइड्रोजन सिलिंडर, सेल कन्वर्टर्स, बैटरी, हवा और जल स्टोरेज होगा

35 ट्रेन हेरिटेज लाइनों पर चलाई जाएंगी प्रथम चरण में

80 करोड़ रुपये कर लागत से एक ट्रेनसेट तैयार होगा

70 करोड़ रुपये खर्च कर रेलवे ट्रैक को अपग्रेड किया जाएगा।


नमो ग्रीन रेल हो सकता है नाम

आरडीएसओ द्वारा लांच किए गए माडल ट्रेनसैट पर नमो ग्रीन रेल लिखा हुआ है। इससे अनुमान लगाया जा रहा है कि इसका नाम नमो ग्रीन रेल हो सकता है। हालाकि, इसका आधिकारिक नाम अभी फाइनल नहीं किया गया है। ट्रेन का अंतिम डिजाइन दिसंबर 2021 में जारी हुआ था और अब फाइनल माडल लाच किया गया है।


हाइड्रोजन ईंधन का वैश्विक स्तर

पर सड़क परिवहन में परीक्षण किया गया है, रेल परिवहन की दिशा में भारत का प्रयास बड़ी उपलब्धि होगी। इसी डिजाइन पर चेन्नई इटीग्रल कोच फैक्ट्री में प्रोटोटाइप ट्रेन तैयार की गई है। आधुनिक सुविधाओं और अभिनव कार्यक्षमता पर ध्यान केंद्रित करते हुए माडल तैयार किया गया है।

- उदय बोरवणकर, महानिदेशक,

आरडीएसओ