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केंद्र सरकार ने शुरू की रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम बनाने की योजना , इस रूट पर बनाए जाएंगे 8 नए स्टेशन।

केंद्र सरकार ने शुरू की रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम बनाने की योजना , इस रूट पर बनाए जाएंगे 8 नए स्टेशन।
 
 रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम

ग्रेटर नोएडा से गुरुग्राम जाने के लिए घंटों ट्रैफिक जाम के कारण आने जाने में परेशानी बन रही है दिल्ली एनसीआर में गुरुग्राम को ग्रेटर नोएडा से कनेक्ट करने के लिए केंद्र सरकार ने रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम बनाने की योजना बनाई है जो गुरुग्राम को ग्रेटर नोएडा से कनेक्ट करेगा यह कॉरिडोर 60 किलोमीटर लंबी होगी जो गुरुग्राम में राजीव चौक को नोएडा सेक्टर- 142 और ग्रेटर नोएडा में सूरजपुर से कनेक्ट करेगा बीच में यह फरीदाबाद बाटा चौक से होकर निकलेगा।
गुरुग्राम से ग्रेटर नोएडा तक बनने वाले इस कॉरिडोर के लगभग लागत 15,000 करोड रुपए आएगी इस कॉरिडोर में 8 स्टेशन बनाए जाएंगे इस कॉरिडोर के बनने से दिल्ली एनसीआर में परिवहन व्यवस्था पूरी तरह बदल जाएगी यही नहीं इसमें ट्रैफिक जाम और वायु प्रदूषण कम करने में भी सहायता मिलेगी।


CM सैनी से की गई चर्चा।

इस बारे में हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी से आवास और नहरी मामलों के मंत्री मनोहर लाल खट्टर से दिल्ली में मुलाकात की गई इस दौरान दोनों के बीच आरटीएस कॉरिडोर विकास और मेट्रो विस्तार को लेकर चर्चा हुई जिसमें सराय काले खान से करनाल गुरुग्राम मेट्रो के बाद से में अतिरिक्त योजना में  RTGS नेटवर्क के माध्यम से आईजीआई हवाई अड्डे को प्रमुख एनसीआर केदो जैसे गुरुग्राम फरीदाबाद और जेवर हवाई अड्डे के साथ कनेक्ट करना भी शामिल है जिसमें इन तीनों शहरों की कनेक्टिविटी और बेहतर हो पाएगी वही भविष्य में सराय काले खान से राजस्थान के धारूहेड़ा बोल और शाहजहांपुर तक  विस्तार किया जा रहा है अभी तक ग्रेटर नोएडा से गुरुग्राम जाने के लिए सड़क मार्ग से डेढ़ घंटे से लेकर 3 घंटे का समय लगता है इसमें बहुत अधिक सड़क पर ट्रैफिक रहता है इस कॉरिडोर के बनने से इन शहरों में नौकरी करने वाले लोगों ,पढ़ाई करने वाले छात्रों को बहुत लाभ मिलेगा।