एनसीआर में प्रदूषण पर सख्ती, एनसीआर में नहीं चल सकेंगे अब डीजल ऑटो रिक्शा

नोएडा(Noida), गाजियाबाद(Ghaziabad), गुरुग्राम(gurugram) और फरीदाबाद(Faridabad) को इसी साल डीजल आटो रिक्शा(diesel auto rickshaw) से मिलेगी मुक्ति,
NCR में हर साल अक्टूबर-नवंबर(October November) महीने में बढ़ने वाले वायु प्रदूषण के पीछे भले ही पराली एक बड़ी वजह है लेकिन हवाओं को जानलेवा बनाने में वाहनों से निकलने वाला जहरीला धुआं दूसरी बड़ी वजह है।
बढ़े प्रदूषण में इसकी हिस्सेदारी 40 प्रतिशत से अधिक होती है, जो पीएम (particular matter)) -10 के स्तर को कम लेकिन पीएम (particular matter))- 2.5 के स्तर को ज्यादा प्रभावित करती है। यही वजह है कि इससे निपटने के लिए केंद्र सरकार(Kendra government) ने कई सख्त कदम उठाए है। जिसमें 2026 तक एनसीआर(NCR) के सभी जिलों को डीजल(diesel) से दौड़ने वाले आटो रिक्शा(auto rickshaw) से मुक्ति दिलाई जाएगी। इसके पहले चरण में इसी साल दिसंबर(December) तक नोएडा(Noida), गाजियाबाद(Ghaziabad), गुरुग्राम(gurugram) और फरीदाबाद(Faridabad) को डीजल आटो रिक्शा(diesel auto rickshaw) से मुक्ति मिल जाएगी। दिल्ली में हर दिन दूसरे राज्यों से आने वाले बसों को bs-6 या फिर सीएनजी व इलेक्ट्रिक वाहनों (CNG electric vahan)में बदलने की योजना है।
मौजूदा समय में दिल्ली(Delhi) आने वाली इन बसों की संख्या 17 सौ से अधिक है। इस साल दिसंबर तक इस बसों को बीएस-6 या सीएनजी(CNG), इलेक्ट्रिक(electric) में शिफ्ट करने का लक्ष्य है। इसके अतिरिक्त ओवरएज हो चुके वाहनों को भी सड़कों से हटाने की तैयारी है।
अकेले दिल्ली(Delhi) में मौजूदा समय में 59 लाख से अधिक ओवरएज वाहन है, वहीं उत्तर प्रदेश(Uttar Pradesh) में करीब 12 लाख, हरियाणा(Haryana) में करीब 27 लाख, राजस्थान(Rajasthan) में करीब छह लाख है। हालांकि, सख्ती न होने के चलते यह सभी वाहन अभी भी सड़कों पर दौड़ रहे है।
पर्यावरण से जुड़ी एक रिपोर्ट(report) के अनुसार, दिल्ली(Delhi) में मौजूदा समय में करीब 1.50 करोड़ वाहन रजिस्टर्ड है, जो हर साल करीब छह प्रतिशत की रफ्तार से बढ़ रहे है, जबकि इनमें इलेक्ट्रिक वाहनों(electric vahan) की संख्या सिर्फ तीन लाख ही है। कुल रजिस्टर्ड वाहनों में करीब 90 लाख दोपहिया वाहन है। गौरतलब है कि एनसीआर(NCR )में मौजूदा समय में दिल्ली के अतिरिक्त पड़ोसी राज्यों के करीब 26 जिले शामिल है।
दिल्ली(Delhi) में 18 हजार चार्जिंग प्वाइंट (charging point)बनाने की योजना
वाहनों से होने वाले प्रदूषण (pradushan)से निपटने के लिए मौजूदा समय में सिर्फ इलेक्ट्रिक वाहनों(electric vahan) को ही प्रमोट करने में केंद्र व राज्य(Kendra Sarkar) सरकारें जुटी हैं। इसके तहत इन वाहनों की खरीदी में सब्सिडी(subsidy) भी दी जा रही है। इसके साथ ही दिल्ली में वर्ष 2025-26 तक 18 हजार चार्जिंग प्वाइंट(charging point) बनाने की भी योजना बनाई गई है। यह बात अलग है कि पहले जो भी चार्जिंग स्टेशन(charging station) और प्वाइंट(charging point) बनाए गए थे, उनमें से ज्यादातर बंद या खराब पड़े है।
एनसीआर(NCR )में वाहनों से होने वाला प्रदूषण
वाहनों से होने वाले प्रदूषण की हिस्सेदारी 30 प्रतिशत से अधिक
पीएम(pm) - 2.5 में हिस्सेदारी - करीब 40 प्रतिशत
पीएम (pm)-10 में हिस्सेदारी - 20 प्रतिशत
दिल्ली(Delhi) में कुल वाहन की संख्या - 1.50 करोड़
इनमें आयु पूरी कर चुके वाहनों की संख्या - 59 लाख
ई-वाहनों(e rickshaw की संख्या- करीब तीन लाख
हर दिन दूसरे राज्यों से आने वाले वाहनों की संख्या- करीब एक लाख