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झोलाछाप फिजियोथरेपिस्टों के खिलाफ लामबंद हुए रजिस्टर्ड फिजियोथरेपिस्ट,जल्द मीटिंग कर लेंगे बड़ा फैसला, काऊंसिल भी कर चुकी चेकिंग का एलान

झोलाछाप फिजियोथरेपिस्टों के खिलाफ लामबंद हुए रजिस्टर्ड फिजियोथरेपिस्ट,जल्द मीटिंग कर लेंगे बड़ा फैसला, काऊंसिल भी कर चुकी चेकिंग का एलान
 
jind news

जींद जिले में चल रहे कई फिजियोथरेपिस्ट सैंटर में कार्यरत झोलाछाप फिजियोथरेपिस्टों के खिलाफ जींद जिले के रजिस्टर्ड फिजियोथरेपिस्टों ने मोर्चा खोल दिया है। फिजियोथरेपिस्टों ने जल्द इस मसले पर चर्चा करने के लिए मीटिंग करने का फैसला लिया है।
यह जानकारी देते हुए फिजियोथरेपिस्ट डॉ. दिनेश शर्मा, डॉ. सचिन, डॉ. आरडी श्योराण, डॉ. विवेक, डॉ. दिशा सैनी, डॉ. रीचा, डॉ. रीतू सैनी आदि ने बताया कि जींद जिले में कई फिजियोथरेपिस्ट सैंटर चल रहे हैं, लेकिन हैरानी की बात यह है कि इनमें बिना डिग्री धारक यानी झोलाछाप लोगों को फिजियोथरेपी के लिए रखा गया है। इस तरह के लोग रजिस्र्ड फिजियोथरेपिस्टों की छवि को धूमिल कर रहे हैं, क्योंकि इनको किसी भी तरह की बीमारी का कोई ज्ञान नहीं है और लोगों को गुमराह कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि सरकार ने 31 मार्च 2020 को दी हरियाणा स्टेट फिजियोथरेपी काऊंसिल एक्ट 2020 लागू किया था। इसकी धारा 26 (1) के अनुसार किसी भी व्यक्ति को फिजियोथरेपी प्रेक्टिस करने के लिए हरियाणा स्टेट फिजियोथरेपी काऊसिंल में पंजीकरण करवाना अनिवार्य होगा।

जो व्यक्ति बिना पंजीकरण के प्रेक्टिस पाया तो उसके खिलाफ एक्ट की धारा 40 (1) और 40 (2) के तहत सजा का प्रावधान है। इसमें एक साल तक की कारावास और 2 लाख रूपए जुर्माना की सजा का प्रावधान है। उन्होंने कहा कि जींद शहर के अलावा जिले में कई जगह झोलाछाप फिजियोथरेपिस्टों को रखा गया है, जिससे रजिस्टर्ड फिजियोथरेपिस्टों की छवि धूमिल हो रही है। जींद जिले के नामी-गामी संस्थानों व प्राइवेट अस्पतालों में बिना डिग्री वाले फिजियोथरेपिस्ट काम कर रहे हैं। उन्होंने मांग की कि काऊंसिल को इसकी जांच करवानी चाहिए और संबंधित व्यक्ति तथा संस्थान के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए।