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एम.डी.डी. आॅफ इंडिया ने नीति आयोग-एवीए की साझेदारी का किया समर्थन

एम.डी.डी. आॅफ इंडिया ने नीति आयोग-एवीए की साझेदारी का किया समर्थन
 
 नीति आयोग-एवीए
भारत सरकार के नीति आयोग एवं गैर सरकारी संगठन एसोसिएशन फॉर वालंटरी एक्शन (एवीए) ने देश के सबसे पिछड़े क्षेत्रों के बच्चों की शिक्षा, सुरक्षा एवं सशक्तिकरण के लिये आपस में हाथ मिलाया है। इस संबंध में दोनों पक्षों द्वारा नई दिल्ली में मंतव्य पत्र पर हस्ताक्षर किए गए।
उल्लेखनीय है कि जींद में कार्यरत गैर सरकारी संगठन एमडीडी आॅफ इंडिया एवं एवीए दोनों ही बाल अधिकारों की सुरक्षा और संरक्षण के लिए देश के 416 जिलों में काम कर रहे 250 से भी ज्यादा गैर सरकारी संगठनों के राष्ट्रीय स्तर के नेटवर्क जस्ट राइटस फार चिल्ड्रन संगठन में सहयोगी सदस्य है।
एमडीडी आॅफ इंडिया के राज्य समन्वयक सुरेन्द्र सिंह मान ने इस क्रांतिकारी पहल का स्वागत एवं समर्थन करते हुए बताया कि इस संबंध में देश के 12 राज्यों के अति पिछड़े एवं संवेदनशील 73 जिलों का चयन करके इनमें रहने वाले आर्थिक रूप से कमजोर बच्चों को शोषण, बाल मजदूरी, उत्पीड़न एवं बाल विवाह से मुक्ति के लिये नीति आयोग एवं एवीए अगले दो वर्ष तक संयुक्त परियोजना पर काम करेंगे।
उनके अनुसार इस समझौते के अन्तर्गत आगामी दो वर्षों के दौरान इन 73 जिलों के गांवों में सुरक्षित बाल ग्राम के रूप में एक सुरक्षा घेरा विकसित किया जाएगा। यह पहल 2018 में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा शुरू किए गए आकांक्षी जिला कार्यक्रम के अन्तर्गत है जिसका लक्ष्य देश भर के 112 सबसे अविकसित जिलों में रूपांतरकारी बदलाव लाना है। मंतव्य पत्र के अनुसार अगले एक साल में देश के 104 प्रखंडों के 15000 गांवों को बाल विवाह मुक्त बनाने का भी लक्ष्य रखा गया है।
मान ने बताया कि इस समझौते के अन्तर्गत नीति आयोग चुने गये जिलों में राज्य सरकारों, केन्द्रीय मंत्रालयों और अन्य हित धारकों के साथ सहयोग करेगा जबकि एवीए इन जिलों के संवेदनशील एवं गरीब परिवारों के बच्चों की पहचान करने एवं उन्हें मिलने वाली राहत में प्रगति पर नजर रखने के लिए मजबूत डाटाबेस तैयार करेगा। इन जिलों के सभी लक्षित गांवों में पंचायत स्तर पर लोगों की आवाजाही और विवाहों के ब्योरे दर्ज करने के लिए रजिस्टर रखे जाएंगे। स्कूल नहीं जा पाने वाले बच्चों को शिक्षा और कौशल विकास के अवसर उपलब्ध कराये जाएंगे। हाशिये के व्यक्तियों और परिवारों को भी सरकारी जनकल्याण योजनाओं से जोड़ा जाएगा। उन्होंने इस पहल के साथ एकजुटता जताते हुए कहा कि भारत सरकार के बाल विवाह मुक्त भारत पर अमल करते हुए एमडीडी आॅफ इंडिया अपने सहयोगी एवीए के साथ मिलकर जींद जिले को बाल विवाह मुक्त जिला बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। एवीए और नीति आयोग की साझेदारी से हमारे प्रयासों को और बल मिलेगा। उन्होंने कहा कि जींद जिले को एमडीडी आॅफ इंडिया बाल मजदूरी, बाल विवाह, बच्चों की टैज्फिकिंग और बाल यौन शोषण जैसे बच्चों के खिलाफ सभी तरह के अपराधों से मुक्त कराने के प्रयासों में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ेंगे।
इस अवसर पर एसोसिएशन फॉर वालंटरी एक्शन (एवीए) के कार्यकारी निदेशक धनंजय टिंगल ने कहा कि समाज के सबसे कमजोर वर्गों के सशक्तिकरण की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है और इसमें भारत सरकार के साझेदार बनकर गर्व एवं कृतक्षता महसूस कर रहे हैं। इस सांझा प्रयास का लक्ष्य वर्ष 2025 के अंत तक चयनित जिलों को बाल विवाह मुक्त बनाकर एक मिसाल कायम करना है। यह साझेदारी प्रत्येक बच्चे की सुरक्षा, शिक्षा, सम्मान के अधिकार की रक्षा करने और बाल विवाह जैसे अपराधों के खात्मे की हमारी साझा प्रतिबद्धता का सबूत है। सरकारी निकायों समुदायों और नागरिक समाज संगठनों राज्य, जिला और प्रखंड जैसे हर स्तरों पर एकजूट होकर काम करने और साझा प्रयासों से सही मायनों में बच्चों की सुरक्षा का लक्ष्य हासिल किया जा सकता है।