ओल्ड पेंशन स्कीम पर कोई भी दूसरी पार्टी खुलकर सामने नहीं आ रही, 91 लाख एनपीएस कर्मचारी और 12,000 करोड रुपए क्या है पूरा माजरा समझे।
OPS NEWS:केंद्र सरकार ने एनपीएस में सुधार लाने के लिए नई पेंशन योजना यूनिफाइड पेंशन स्कीम लागू की है अगले वर्ष पहले अप्रैल से यह योजना शुरू हो जाएगी केंद्र एवं राज्य के अधिकांश कर्मचारी संगठनों ने यूपीएस के खिलाफ रोष प्रदर्शन किया है केंद्र सरकार को दोबारा से आंदोलन शुरू करने की चेतावनी दी है कुछ संगठन ऐसे भी है जो अभी यूपीएस पर नोटिफिकेशन जारी होने का इंतजार कर रहे हैं उनके बाद आगे की रणनीति तय करेंगे इस बीच पेंशन योजना को लेकर एक सवाल यह भी उठना है कि लोकसभा चुनाव से पहले तक जो विपक्षी दल ओपीएस के समर्थन में थे आज वह अधिकांश पार्टीया खुलकर सामने नहीं आ रही है 91 लाख एनपीएस कर्मचारी और 12,000 करोड रुपए महीना इसे लेकर क्या पर्दे के पीछे कोई सच्चाई छुपी है प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस पार्टी ओपीएस पर अपने भाव खुलकर नहीं बोल रही है नेशनल मिशन फॉर ओल्ड पेंशन स्कीम भारत के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ मंजीत सिंह है पटेल कहते हैं कि संभव है कि एनपीएस को खत्म कर ओपीएस को बहाल किया जाए उन्होंने कई ऐसे कारण भी बताए हैं जिनके चलते राष्ट्रीय दल ओल्ड पेंशन स्कीम की ओर से मुद्दे उठा रहे हैं।
डॉक्टर मंजीत सिंह पटेल का कहना है कि देश में काफी समय से ओपीएस बहाली के मुद्दे पर चर्चा हो रही है कर्मचारियों ने बड़े आंदोलन किए हैं लोकसभा चुनाव में कर्मचारियों का रुझान पोस्ट बेल्ट पर वर्तमान सत्ताधारी पार्टी के खिलाफ दिखाई दिया इसके बाद 24 अगस्त को भारत सरकार द्वारा गठित की गई एनपीएस रिव्यू कमेटी के मुख्य टीवी सोमनाथ ने नई पेंशन स्कीम के समांतर यूनिफाइड पेंशन स्कीम का मसौदा पेश किया देश के ज्यादातर हिस्सों में यूनिफाइड पेंशन स्कीम के खिलाफ कर्मचारियों का गुस्सा दिखाई दिया अब मुद्दा यह है कि ओल्ड पेंशन स्कीम को उनके मूल रूप में बहाल किया जा सके ओल्ड पेंशन स्कीम को बहाल करने का मतलब पहले वर्तमान एनपीएस सिस्टम को खत्म किया जाए उससे पहले भी हम यह देखते हैं कि जिन राजनीतिक पार्टियों ने ओल्ड पेंशन सूची में अपना समर्थन दिया है क्या उनकी बहाली के पक्ष में खड़े हुए उनकी सच्चाई क्या है।
कर्मचारी संगठन के अध्यक्ष ने कहा है कि लोकसभा चुनाव 2024 से ठीक पहले रामलीला मैदान में पुरानी पेंशन बहाली के लिए लाखों कर्मचारी इकट्ठे हुए थे आंदोलन के मंच पर लगभग पूरा विपक्ष मौजूद रहा आम आदमी पार्टी भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अलावा समाजवादी पार्टी के दिग्गज भी वहां पर मौजूद रहे अगर हम राष्ट्रीय सत्र की बात करें तो सबसे बड़े विपक्षी दल गत वर्ष कर्मचारियों की अक्टूबर में हुई रैली को तो समर्थन दिया था लेकिन इससे ठीक 2 महीने बाद जब लोकसभा चुनाव की सुविधा शुरू हुई तो उन्होंने अपने मेनिफेस्टो में शामिल नहीं किया इनके मैनीफेस्टो में 25 न्याय की गारंटी शामिल थे पुरानी पेंशन का मुद्दा जिस पर विपक्षी दल वर्तमान सरकार को हर जगह घूरते नजर आ रहे हैं इस दल के मेनिफेस्टो से ऑफिस का मुद्दा ही खत्म हो गया है पुरानी पेंशन बहाली आंदोलन के नेताओं के विपक्षी दलों के पदाधिकारी से अलग-अलग जगह पर मुलाकात कि और उनसे अनुरोध किया कि वह ओपीएस को अपने चुनावी में मेनिफेस्टो में शामिल करें कर्मचारी नेताओं की तरफ से ऐसे बयान आए कि विपक्षी दल के सप्लीमेंट्री मेनिफेस्टो में ऑफिस का मुद्दा शामिल किया जाएगा लेकिन बाद में कुछ नहीं हो सका।
नेशनल मिशन फॉर ओल्ड पेंशन स्कीम भारत के अध्यक्ष के अनुसार आज भारत में करीबन 91 लाख एनपीएस कर्मचारी काम कर रहे हैं जिनकी सैलरी हर महीने 10% अंशदान में कटौती की जाती है सरकार 14% के रकम के कंट्रीब्यूट करती है यानी सभी कर्मचारियों की कुल सैलरी 24% अंशदान मार्केट में जमा की जाती है इसके इस एलआईसी , यूटीआई या एसबीआई में लगाया जाता है अगर इसे जोड़े तो आज तकरीबन 12,000 करोड रुपए हर महीने यूटिलिटी और एसबीआई को मिलते हैं इससे इनका बिजनेस चलता है अगर एनपीएस को खत्म कर दिया जाए तो कल से यह पैसा इन तीनों बैंकों को मिलना बंद हो जाएगा इसका मतलब ही है होता है कि इन तीनों सरकारी कंपनियों को सरकार निजीकरण रास्ते से आगे बढ़ा रही है।
ओपीएस को बहाल करना सरकार के लिए ज्यादा मुश्किल काम नहीं है अब तक एनपीएस में रिटर्न 9.5% से ज्यादा रहा है इनका मतलब यह है कि कर्मचारियों के स्थान पर 7.1% का गारंटीड ब्याज दिया जा सकता है बचें हुए ब्याज को सरकार अपने फंड में ले सकती है इसे एनपीएस में ही जीएफ के डिमांड पूरी हो सकती है इस पैसे पर जीपीएफ की तरह विड्रोल की सुविधा भी दी जा सकती है हर तीसरे महीने सरकार को 91 लाख कर्मचारियों का अंशदान पर तीन से चार प्रतिशत बचत होती है दूसरा सरकार अपने स्थान को सेवानिवृत्ति पर ब्याज सहित वापस ले सकती है उनके बदले में वह 20 साल की नौकरी पूरी करने वाले को 50% और इससे कम नौकरी करने वाले को अनुपात में पेंशन दे सकती है यह तरीका ओल्ड पेंशन स्कीम की तरह कारगर साबित हो सकता है पेंशन पर ऑल इंडिया कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स के हिसाब से महंगाई भत्ते और कमीशन का भी लाभ दिया जा सकता है पटेल ने कहा है की पेंशन बहाली आंदोलन ही एक रास्ता है जो इसका कोई संविधान निकाल सकता है।