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परंपरागत फसल के बजाए बाग व सब्जी उगाने से ज्यादा मुनाफा स्केटिंग विधि से एक खेत में सालभर में दो बार उगा सकते हैं घीया व तोरी की फसल

परंपरागत फसल के बजाए बाग व सब्जी उगाने से ज्यादा मुनाफा
 
परंपरागत फसल के बजाए बाग व सब्जी उगाने से ज्यादा मुनाफा

परंपरागत खेती की बजाय किसान बाग और सब्जी उत्पादन से मुनाफा कमा रहे हैं। सिरसा जिले के कालांवाली उपमंडल में गांव छतरियां के किसान ने स्केटिंग विधि से बेल वाली घीया और तोरी की सब्जी का उत्पादन शुरू किया है। जिससे 1 वर्ष में एक खेत में दो बार सब्जियों का उत्पादन लिया जा रहा है। प्रति एकड़ 4 लाख रुपए तक का सब्जी उत्पादन होने से किसान लाभ कमा रहे हैं।

डबवाली सिरसा रोड से करीब 3 किलोमीटर दूर गांव छतरियां वाली के किसान मुकेश वर्मा ने बताया कि डेढ़ एकड़ में स्केटिंग लगाकर सब्जी उत्पादन ले रहे हैं। जिससे काफी मुनाफा मिल रहा है। स्केटिंग लगाने में प्रति एकड़ करीब 3 लाख रुपए खर्च होते हैं और इसमें साल में दो बार बेल वाली सब्जी की अच्छी फसल होती है। पहली बार जनवरी में लो टनल मल्चिंग लगाकर बेल लगाई जाती है जो मार्च में उत्पादन शुरू करती है। यह जून की खूब गर्मी तक अच्छी सब्जी मिल जाती है। इसके बाद जुलाई में फिर से नई बेल लगाई जाती है जो सितंबर में उत्पादन शुरू करती है और दिसंबर व खूब सर्दी होने तक उत्पादन मिलता रहता है। उन्होंने बताया कि प्रति एकड़ प्रति वर्ष करीब 4 लाख रुपए की सब्जी उत्पादन होती है जिसे अपनी लोकल मंडी में बेचते हैं। किसान ने कहा कि उनके परिवार के पास कुल 24 एकड़ जमीन है। जिसमें 20 एकड़ में किन्नू और दो एकड़ में नींबू के बाग है जबकि 2 एकड़ में सब्जी उत्पादन ले रहे हैं।

फॉर्म से तैयार करवाते हैं बेल

प्रगतिशील किसान ने बताया कि वह अपनी सब्जी के लिए बीज लाकर मांगेआना में स्थित सरकारी फॉर्म में प्रति बेल एक रुपए के चार्ज पर जर्मिनेशन करवाते हैं। 1 महीने की बेल हो जाने पर जनवरी में उन्हें खेत में इंप्लांट कर देते हैं। जिससे अच्छी क्वालिटी और उत्पादन मिलता है। किसान मुकेश वर्मा ने बताया कि युवा वर्ग और किसान अपने खेत में धरातल पर काम करेंगे तो नई तकनीक से अच्छा मुनाफा कमा सकते है।