हरियाणा में पत्तेदार सब्जियां की खेती करने का सही समय ,बोने की विधि, खाद और उर्वरक का प्रयोग जाने पूरी जानकारी

हरियाणा में पत्तों वाली सब्जियों में विशेषकर बंद गोभी, मेथी, धनिया व पालक की खेती की जाती है। हरी पत्तेदार सब्जियां स्वास्थ्य के लिए लाभदायक होती हैं। जिससे पत्तेदार सब्जियों की हर घर में मांग होती है। ऐसे में फलदारं, जड़ वाली, पत्तों वाली सब्जियों की रोजाना ज्यादा खपत होती है। वहीं, डॉ. सुरेश कुमार अरोड़ा पूर्व अध्यक्ष सब्जी विज्ञान विभाग एचएयू हिसार ने बताया कि वैज्ञानिक पद्धति अपनाकर इन सब्जियों का उत्पादन बढ़ाया जा सकता है।
सिंचाई विधिः इन फसलों के पौध की रोपाई या बिजाई के तुरंत बाद सिंचाई करना जरूरी होता है। अगली सिंचाई मौसम अनुसार करनी चाहिए। अगर मौसम साफ हो तो सिंचाई 8 से 10 दिन के बाद करें।
प्रति एकड़ बंद गोभी के लिए 200 से 250 ग्राम और देसी मेथी के लिए 8 से 10 किलो बीज है पर्याप्त
बीज की मात्रा व बोने की विधि
बंद गोभी के लिए 200 से 250 ग्राम प्रति एकड़ और संकर प्रजाति के लिए 80 से 100 ग्राम बीज प्रति एकड़ पर्याप्त है। देसी मेथी के लिए 8 से 10 किलो, कस्तूरी मेथी के लिए 4 से 5 किलो प्रति एकड़ बीज काफी होता है। पालक के लिए 8 से 10 किलो प्रति एकड़, धनिया के पत्तों के उत्पादन के लिए 4 से 6 किलो बीज प्रति एकड़ पर्याप्त रहता है। बंद गोभी की पौध को 3 x 2 मीटर क्यारियों में रोपा जाता है।
बिजाई का समय और रोपाईः 40 से 45 दिन की पौध बंद गोभी के लिए अच्छी होती है। कई किसान बंद गोभी के एक-एक बीज करके सीधी बिजाई भी करते हैं। जो कि 15 नवंबर तक की जा सकती है। मेथी, पालक व धनिया की सीधी बिजाई होती है। जिनका बोने का समय सितंबर से लेकर नवंबर व दिसंबर के अंतिम सप्ताह तक होता है।
* खाद और उर्वरक का प्रयोगः बंद गोभी के लिए 20 टन गोबर को
सड़ी हुई खाद, 50 किलो नाइट्रोजन व 20 किलो पोटाश प्रति एकड़ भूमि
में डालें। मेथी के लिए 10 टन गोबर की सड़ी खाद, 10 किलो नाइट्रोजन व 20 किलो फास्फोरस, पालक में प्रति एकड़ 20 टन गोबर की खाद, 32 किलो नाइट्रोजन और 16 किलोग्राम फास्फोरस, धनिया में 8 टन गोबर की खाद, 25 किलो नाइट्रोजन, 20 किलोग्राम पोटाश लगाएं।
भूमि को ऐसे करें तैयारः इन सभी सब्जियों को सभी प्रकार की भूमियों में उगाया जा सकता है। अच्छी फसल और उत्पादन लेने के लिए भूमि की अच्छे से तैयारी करना बेहद अनिवार्य है। इसके लिए सबसे पहले भूमि की जुताई करें, जिससे खेतों में मिट्टी ढीली हो जाएगी और उस में लगाए जाने वाले पौधों की जड़ों का विकास शीघ्रता से होता है। बलुई दोमट मिट्टी इन चारों सब्जियों के लिए बहुत उपयुक्त हैं।
सब्जियों के बीज का उत्तम किस्म का चुनाव अनिवार्य
बंद गोभीः प्राइड ऑफ इंडिया, गोल्डन एकड़, ड्रम हेड लेट, इनमें
चार्ली नामक शंकर प्रजाति होती हैं।
मेवीः पूसा अर्ली बंचिंग, हिसार सोनाली, हिसार मुक्ता, कसूरो।
पालकः जोबनेर ग्रीन, ऑल ग्रीन, हिसार सिलेक्शन नंबर-23
धनियाः नारनौल सिलेक्शन, पंत हरित्मा, हिसार आनंद, हिसार सुगंध, हिसार सुरभि, हिसार भूमित (डीएच-228) आदि मुख्य उन्नत किस्में हैं।