फसलों में शराब के इस्तेमाल से किसानों को मिला फायदा कृषि विशेषज्ञ ने क्या कहा इसके बारे में जानिए।
फसलों में शराब के इस्तेमाल से होने वाले फायदे।
किसान पौधों में शराब का छिड़काव कर रहे हैं जिससे इन्हें फायदा हो रहा है मध्य प्रदेश के किसान वित्तीय वर्ष मूंग के खेती में शराब का छिड़काव किया जिसके बाद उन्हें अधिक उत्पादन मिला उन्होंने कहा है कि उन्हें दो गुना उत्पादन मिला शराब छिड़कने में भी किसी तरह की कोई समस्या नहीं होती जैसे कि वह कोई कीटनाशक दवा छिड़कते हैं तो इनकी तबीयत खराब हो जाती है लेकिन शराब डालने से खेत में के कीड़े मकोड़े तो मरते हैं लेकिन फसलों को नशा होता है और वह ज्यादा पैदावार देती है इसके अलावा उत्तर प्रदेश के किसानों ने भी आलू की फसल में इनका छिड़काव किया है और बताया है कि उन्हें फायदा मिला।
दवा से दारू अच्छी।
किसानों का कहना है कि फसलों में उत्पादन बढ़ाने के लिए कीटनाशक दवा डाली जाती है लेकिन उसे आधे से भी कम कीमत पर शराब के छिड़काव पर खर्च होते हैं प्रति एकड़ 500 एमएल शराब डाली जाती है 20 लीटर पानी में लगभग 100 एममल के हिसाब से शराब मिलाई जाती है किसानों का मानना है की फसल उत्पादन के लिए दवा से दारू बेहतर है।
नरमा का पौधा जैसे बढ़ना शुरू हो जाता है कीट बीमारी इस समय लग जाती और फसल को खराब कर देती हैं कीटो से फसल को बचाने के लिए पानी में शराब मिलाई जाती है और फिर उसे फसलों पर छिड़काव कर दिया जाता है किसानों का कहना है की इनकी छिड़काव के बाद फसलों पर किसी भी तरह की कीट या बीमारी लगने की कोई बात सामने नहीं आई है शराब के छिड़काव पर किसान को काफी कम लागत भी आ रही है यह भी एक बड़ी बात है किसान देशी शराब का इस्तेमाल कर रहे है
कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि फसल में शराब छिड़कने से किसानों को किसी भी तरह का कोई फायदा नहीं होने वाला है लेकिन अगर किसान कीटनाशक के साथ छिड़काव करता हैं तो इस केमिकल रिएक्शन भी हो सकता है यानी कि नुकसान उठाना पड़ सकता है कृषि विशेष योग्य का कहना है कि किसान फसलों में शराब न छिड़के इसे फायदे कम नुकसान अलग से उठाने पड़ सकते हैं उन्होंने बताया की ग्रीष्मकालीन मूंग की फसल में किसान शराब न डालें यह किसी तरह से फायदेमंद नहीं है