आलू की खेती का सही समय व आगेती किस्म के बारे में जान ले, होगीअच्छी पैदावार
किसान आलू की अगेती किस्मों की बुवाई 25 सितंबर से 25 अक्टूबर कर सकते हैं। किसान 1509 धान की कटाई के बाद आलू की बिजाई करते हैं। आलू के लिए दिन का तापमान 25 से 35 डिग्री सेल्सियस जबकि रात का तापमान 20 डिग्री के आसपास होना चाहिए। किसान आलू प्रौद्योगिकी केंद्र शामगढ़ में संपर्क कर सकते हैं। फिल्हाल केंद्र में कुफरी मोहन का बीज बचा है, किसान बागवानी विभाग की साइट nursery.hortharyana. gov.in पर बुक कर सकते हैं। आलू की खेती के लिए दोमट भूमि उपयुक्त मानी जाती है। हरियाणा में आलू की किस्म कुफरी, एलआर, कुफरी पुखराज, कुफरी बादशाह, कुफरी चिप्सोना- 1, कुफरी चिप्सोना-3 ज्यादा लगाया जाता है। बुवाई से पहले मिट्टी को जैविक विधि से तैयार करें और प्रति एकड़ 12 से 23 क्विंटल बीज डालें।
एयरोपेनिक तकनीक से भी आलू लगा सकते हैं किसान
किसान एयरोपोनिक तकनीक से भी आलू उगा सकते हैं। यह तकनीक हवा में आलू उगाने की है। इस तकनीक में शुरुआत में लैब से आलू हार्डनिंग यूनिट तक पहुंचते हैं। इसके बाद पौधे की जड़ों को बावस्टीन में डुबोते हैं। इससे उसमें फंगस नहीं लगता। इसके बाद बेड बनाकर उसमें कॉकपिट में इन पौधों को लगा दिया जाता है। इसके तकरीबन 10 से 15 दिन बाद इन पौधों को एयरोपोनिक यूनिट के अंदर लगा दिया जाता है। इसके बाद उचित समय के बाद आलू की फसल तैयार हो जाती है। इस किस्म के लिए आलू का बीज उत्पादन करने के लिए आमतौर पर ग्रीन हाउस तकनीक का इस्तेमाल किया जाता है। एक पौधे से 5 छोटे आलू मिलते हैं जिन्हें किसान खेत में रोपित करता है। इसके बाद बिना मिट्टी के कॉकपिट में आलू का बीज उत्पादन शुरू किया गया। एक पौधा 40 से 60 छोटे आलू तक दे रहा है जिन्हें खेत में बीज के तौर पर रोपित किया जा रहा है। इस तकनीक से करीब 5 गुना पैदावार बढ़ जाएगी।
पिछले साल किसानों को आलू के भाव अच्छे मिले थे
पिछले साल किसानों को आलू के भाव अच्छे मिले थे। SO हजार से एक लाख रुपए की आमदन प्रति एकड़ हुई थी। सीजन के दौरान 2 हजार रुपए प्रति क्विंटल के हिसाब से आलू की बिक्री हुई थी। चिड़ाव गांव के प्रगतिशील किसान प्रवीण नरवाल ने बताया कि वे करीब 40 एकड़ में आलू की खेती करते हैं। पिछला सीजन किसानों का अच्छा रहा, इस बार भी उम्मीद है कि आलू का सीजन अच्छा रहेगा।