DAP कैसे बनता है, जानें फसलों के लिए कितना होता है महत्वपूर्ण
किसान भाइयों सबसे पहले हम ये जानते हैं कि डीएपी है क्या डीएपी का जो पूरा नाम है ये हैड आई अमोनियम फॉस्फेट यह भारत सहित विश्व के कई देशों में इसे प्रयोग किया जाता है ये भी आप कह सकते हैं विश्व के सारे देशों में इसे प्रयोग किया जाता है
Oct 17, 2024, 16:00 IST

DAP: किसान भाइयों सबसे पहले हम ये जानते हैं कि डीएपी है क्या डीएपी का जो पूरा नाम है ये हैड आई अमोनियम फॉस्फेट यह भारत सहित विश्व के कई देशों में इसे प्रयोग किया जाता है ये भी आप कह सकते हैं विश्व के सारे देशों में इसे प्रयोग किया जाता है इसकी जो खोज है वो लगभग 1960 के दशक में की गयी थी तब फी लेके आज तक एक बहुत महत्वपूर्ण गुरव अब बना हुआ है और अब हम जानते हैं कि डीएपी में क्या मात्रा में होती है किस किस किस मात्रा के साथ मिलकर बना होता है .
डीएपी में 18% का नाइट्रोजन होता है जो की नाइट्रोजन जो होता है वो आप देखते है की यूरिया में 46% होता है लेकिन डीएपी में 18% कर नाइट्रोजन होता है 46% का फास्फोरस होता है और 18% नाइट्रोजन में से 15.5% अमोनियम नाइट्रेट होता साथ ही 46% फास्फोरस में से 39.5% का फॉस्फोरस पाली में घुलनशील होता है किसान भाई मानते हैं कि अब हमने ये जान लिया की डीएपी क्या है इसमें कौन से एलिमेंट होते हैं यानी कौन से तत्व होते हैं .
अब हमें ये भी जान लेते हैं की ये बनता कैसे है तो किसान भाइयों और डीएपी हो आमोनियम के साथ भाजपा पर इक एसिड के साथ एक वैज्ञानिक प्रक्रिया के दौरान इसे तैयार किया जाता है लगभग 1000 के जी डी ए पी बनाने में ये 1500 से 2000 किलो फॉस्फेट रॉक ओर 400 केजी साल भर के साथ 200 केजी अमोनिया का इस्तेमाल किया जाता है ऐसे बनता है डीएपी अब हम बांध कर सकते हैं की डेप क्या काम है जैसे मान लीजिए भी धान की फसल चल रही है .
धान की फसल में कल्ले बढ़ाने के लिए बहुत आवश्यक होता है साथ ही पौधों को अपने पूरे जीव संपूर्ण जीवन काल में 16 पोषक तत्वों की जरूरत होती है जिसे नाइट्रोजन और फॉस्फोरस एक प्रारंभिक एवं महत्वपूर्ण पोषक तत्व होता है ये मिट्टी में मिल करके जैसे ही जो डीएपी होता है ये मिट्टी में डालते ही पानी की उपस्थिति में आसानी से घुल जाती है और पौधों के लिए नाइट्रोजन एवं फास्फोरस की पूर्ति करता रहता है डी ए पी एम पाए जाने वाला अमोनिया के रूप में उपलब्ध होता है डीएपी में जो होती है अमोनिया के रूप में मिट्टी में उपलब्ध होती हैं जो मिट्टी में मौजूद बैक्टीरिया के साथ मिलकर के काम करती है.
ये जड़ों का विकास करती है जैसे अगर हमने किसी फसल की रोपाई की है या मान ले हमने उसकी बुआई की है तो उस समय में ये पौधे हम कोशिकाओं का विभाजन करता है जैसे की गयी जब पौधे में कल ले निकल रहे होते है या उसकी शाखाएँ पड़ रही होती है तो उसमें स्कोप और जड़ों को मजबूत करता है साथ ही पौधों को पढ़ने में भी सहायता करता है न्यूक्लीक अम्ल एवं फॉस्फेरिक एसिड के कारण यह ऐसा विकास कर पाता है .
किसान भाइयों अब हम बात करते है की जो डीएपी है लगभग कितने दिन तक काम करती है डीएपी जो है ये लगभग 120 दिन तक इसके अच्छा काम करती रहती है आमतौर पे जो फसल होती है 30-40 दिन की होती है इससे धान हो गया गेहूं हो गया कुछ कम की भी होती है या इन लेवल 170 से लेकर के 150 दिन तक की फसल जैसी होती है उसमें हम एक बार डीएपी डाल देते हैं तो हमारा काम चलता रहता है फिर हमें डीएपी डालने की उसमें दूसरी बार जरूरत नहीं पड़ती किसान भाइयों ये था वीडियो डीएपी के बारे में जो हम आपके लेके आये डीएपी कैसे बनता है कैसे काम करता है और इसके क्या फायदे हैं