राधाकृष्णन कमेटी की रिपोर्ट में नए उपायों पर विचार नीट और नेट ऑनलाइन कराने पर फोकस, अटेम्पट भी सीमित करने पर हुआ विचार

नीट और नेट जैसी परीक्षाओं पर उठे सवालों के बीच उच्च स्तरीय समिति ने कई सुझाव दिए हैं। इनमें परीक्षा ऑनलाइन कराने और अटेम्प्ट (परीक्षा के अवसर) की संख्या सीमित करने जैसे उपायों पर विचार किया जा रहा है। नीट 2023 में धांधलियों की बात सामने आने पर सुप्रीम कोर्ट ने एनटीए (राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी) के कामकाज की लिए समिति बनाई थी।
समीक्षा के इसरो के पूर्व प्रमुख राधाकृष्णन के नेतृत्व वाली समिति जल्द रिपोर्ट सौंप सकती है। इसमें प्रवेश परीक्षाओं में कर्मचारियों और परीक्षा केंद्रों की आउटसोर्सिंग कम से कम करने का भी सुझाव है। बता दें कि केंद्र सरकार ने 21 अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट से समिति की अंतिम रिपोर्ट सौंपने के लिए दो हफ्ते का समय मांगा था।
परीक्षाओं के हाइब्रिड मोड का भी विकल्प दिया जाए
सूत्रों के अनुसार कमेटी सिफारिश कर सकती है कि ऑफलाइन परीक्षाओं को कम किया जाए। जहां ऑनलाइन मोड पर संभव नहीं, वहां हाइब्रिड परीक्षाओं का विकल्प हो। इसके साथ ही मेडिकल प्रवेश परीक्षा नीट सहित अन्य प्रमुख परीक्षाओं में प्रयासों की संख्या सीमित करने का भी सुझाव है। समिति यह भी सुझाव दे सकती है कि परीक्षा करवाने वाली एजेंसी परीक्षा केंद्रों को पेपर डिजिटल माध्यम से ही भेजें। साथ ही इस माध्यम को फुलप्रूफ बनाया जाए।
कमेटी ने 22 बैठकें कीं, 37 हजार सुझाव मिले
समिति ने विभिन्न प्रवेश परीक्षाओं के आयोजन में आने वाली जटिलता, जोखिम और सुरक्षा उपायों को लेकर 22 बैठकें कीं। छात्रों और अभिभावकों सहित अन्य संबंधित पक्षों से सुझाव मांगे गए। सूत्रों के अनुसार उच्च स्तरीय समिति अपनी अंतिम रिपोर्ट में इन सभी से मिले 37 हजार से अधिक सुझावों को भी शामिल कर रही है।
पेपर सेटिंग के सिक्योरिटी प्रोटोकॉल की समीक्षा भी
सुप्रीम कोर्ट ने समिति को विभिन्न परीक्षाओं के पेपर सेट करने के सिक्योरिटी प्रोटोकॉल की समीक्षा के निर्देश भी दिए थे। हाल में कुछ परीक्षाओं के पेपर आउट होने की की भी शिकायतें मिली थीं। कोर्ट ने समिति को परीक्षा के आयोजन से जुड़ी सभी व्यवस्थाओं को परखने को कहा था, जिससे कि प्रवेश परीक्षाओं में पारदर्शिता बनी रहे।
कमेटी में येः उच्च स्तरीय कमेटी में एम्स दिल्ली के पूर्व निदेशक रणदीप गुलेरिया, केंद्रीय विवि हैदराबाद के कुलपति बोजे राव, आईआईटी मद्रास से जुड़े रहे के. रामामूर्ति, पीपुल्स स्ट्रांग के सहसंस्थापक पंकज बंसल, आईआईटी दिल्ली के आदित्य मित्तल और शिक्षा मंत्रालय के संयुक्त सचिव गोविंद जायसवाल शामिल हैं।