आपकी गाड़ी में लगा है फास्टैग इसके बावजूद भी देना पड़ सकता है डबल टोल, एक्सप्रेसवे पर भुलकर भी ना करें ये गलती।
यदि आप एकप्रेसवे या हाईवे पर अपना वाहन चलाते हो तो यह आर्टिकल आपके काम का है आपके वहांन पर फास्टैग लगा होने के बाद भी यह गलती आप पर भारी पड़ सकती है आपको दो गुना टोल चुकाना पड़ सकता है सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने इस संबंध में आदेश दिया है जो आपको जानना जरूरी है।
सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने ग्लोबल नेवीगेशन सेटेलाइट सिस्टम ऑन बोर्ड यूनिट से संबंधित नोटिफिकेशन जारी किया है जिसके माध्यम जीएनएसएस लगे वाले वाहनों से ऑटोमेटिक टोल कटेगा वह हाईवे या एक्सप्रेस पर जितने दूरी तय करेंगे उन्हें इतने ही किलोमीटर का टोल चुकाना पड़ेगा ऐसे वाहन चालकों को टोल प्लाजा पर रुकने के जरूरत नहीं होती यानी एक्सप्रेस वे और हाईवे पर नॉन-स्टॉप फर्राटे भरेंगे।
फास्ट्रेक वाले एक्सप्रेसवे पर बचे इस गलती से।
ट्रांसपोर्ट एक्सपर्ट अनिल छिकारा ने कहा है कि ग्लोबल नेविगेशन स्टिल लाइट सिस्टम ऑन बोर्ड यूनिट लगे वाहनों को टोल प्लाजा से नॉनस्टॉप निकालने के लिए एक डेडीकेशन लाइन होगी इसमें किसी तरह का विरोध नहीं होगा लेकिन अगर कोई फास्टैग लगा वहांन इस लाइन में जाता है तो उसे दोगुना टोल देना पड़ेगा इसलिए एक्सप्रेसवे और हाईवे पर वाहन चलाते समय इस बात का ध्यान रखें और डबल टोल से बचें।
20 किलोमीटर की दूरी तय करने पर नहीं लगेगा टोल टैक्स।
अगर कोई ऑन बोर्ड यूनिट लगा वहांन 20 किलोमीटर की दूरी तय करता है तो उसे कोई टोल नहीं देना पड़ेगा इस का सबसे ज्यादा फायदा हाईवे और एक्सप्रेसवे के आसपास गांव और शहरों में रहने वाले लोगों को मिलेगा अभी वाहन चालकों को एक टोल से दूसरे टोल प्लाजा तक चार्ज चुकाना होता है भले ही उसे नीचे हाईवे से नीचे उतर वापस क्यों नहीं लौटना हो जबकि नई तकनीक से हाईवे पर चली गई दूरी का टोल चुकाना होगा।
देश भर में मौजूदा समय में 1.5 लाख किलोमीटर लंबे हाईवे और एक्सप्रेस वे हैं इसमें करीब 90,000 किलोमीटर नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया के पास है इसी में अगर लोग नेविगेशन स्टरलाइट सिस्टम से टोल वसूला जाएगा इसका सफल पायलट प्रोजेक्ट दिल्ली मुंबई एक्सप्रेस वे पर हो चुका है।