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सरसों की 2 नई व 1 पुरानी वैरायटी के बीज तैयार, अगले सप्ताह से खरीद सकेंगे किसान,बावल एग्री रिसर्च सेंटर में सरसों का 95 क्विंटल बीज तैयार

सरसों की 2 नई व 1 पुरानी वैरायटी के बीज तैयार, अगले सप्ताह से खरीद सकेंगे किसान,बावल एग्री रिसर्च सेंटर में सरसों का 95 क्विंटल बीज तैयार
 
सरसों की 2 नई व 1 पुरानी वैरायटी के बीज तैयार

अक्टूबर के पहले सप्ताह से सरसों की बिजाई शुरू हो जाएगी। चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय हिसार के बावल कृषि अनुसंधान केंद्र में भी वैज्ञानिकों की देखरेख में सरसों की दो नई किस्म आरएच-1425 व आरएच-1706 के अलावा आरएच- 725 वैरायटियों के बीज तैयार किए गए हैं। रिसर्च सेंटर में इन तीनों वैरायटियों का 95 क्विंटल बीज तैयार किया गया है। इस बीज की दूसरे राज्यों में भी बड़ी डिमांड है। राज्य के कृषि विज्ञान केंद्रों के साथ ही राजस्थान, दिल्ली और उत्तर प्रदेश के कृषि विज्ञान
केंद्रों से भी मांग आती है। रिसर्च सेंटर के डायरेक्टर डॉ. धर्मबीर यादव के अनुसार इन तीनों किस्म का सेंटर में ही बीज तैयार किया गया है। इनमें एक पुरानी और दो नई किस्म शामिल हैं। किसानों को ये तीनों वैरायटियों के बीज अगले सप्ताह से मिलने शुरू होंगे। पिछले वर्ष यूपी के मुजफ्फरनगर और बागपत कृषि विज्ञान केंद्र ने अलग- अलग 1 क्विंटल 40 किलोग्राम, इटावा ने 2 क्विंटल बीज मंगाया था। इसी तरह बिहार के भोजपुर (आय) केवीके ने साढ़े 3 क्विंटल, नवादा व राजस्थान के बीकानेर जिले के लुणकरणसर कृषि विज्ञान केंद्र ने 2 क्विंटल बीज मंगाया था।

इस बार ये नई वैरायटी के बीज किए तैयार

कृषि अनुसंधान केंद्र बावल के डायरेक्टर डॉ. धर्मबीर यादव ने बताया कि इस बार हरियाणा एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी हिसार की ओर से प्रमाणित नई किस्म आरएच-1425 व आरएच-1706 के बीज का उत्पादन किया गया है। इन दोनों वैरायटियों के 27 क्विंटल बीज तैयार किया है। आरएच-725 किस्म का 68 क्विंटल बीज का उत्पादन हुआ है। सेंटर में 5 एकड़ से 10 एकड़ में इनकी बिजाई होती है। उन्होंने बताया कि 1706 किस्म के तेल की गुणवत्ता अच्छी है। एक एकड़ में डेढ़ से लेकर 2 किलोग्राम 1. बीज लगता है। अगले सप्ताह से किसान इन वैरायटियों की खरीद कर सकते हैं।

राज्य के जिलों से भी आती है डिमांड

दक्षिणी जिलों रेवाड़ी के साथ ही महेंद्रगढ़, गुरुग्राम, झज्जर व भिवानी में भी बावल रिसर्च सेंटर से बीज उपलब्ध कराया जाता है। इस वर्ष भी कई जिलों से डिमांड आई है। रिसर्च सेंटर बावल से भी किसान सरसों का यह नया बीज लेकर जा सकते हैं।
जीवाणु खाद के टीके भी उपलब्ध

बावल कृषि अनुसंधान केंद्र में जीवाणु खाद के टीके भी तैयार किए जा रहे हैं। सरसों व गेहूं के लिए ऐजोटोबैक्टर, फास्फोरस व बायो टीके उपलब्ध कराए जाएंगे। एक एकड़ में एक टीका ही लगेगा, जिसकी कीमत 20 रुपए रखी गई है।