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किसान आलू की बिजाई करें एक सप्ताह के अंदर नहीं तो सर्दी पड़ने पर उठाना पड़ सकता है नुकसान, जाने अच्छे उत्पादन के बीज वैरायटी

किसान आलू की बिजाई करें एक सप्ताह के अंदर नहीं तो सर्दी पड़ने पर उठाना पड़ सकता है नुकसान, जाने अच्छे उत्पादन के बीज वैरायटी
 
किसान आलू की बिजाई

किसान आलू की बिजाई में लगे हैं। आलू प्रौद्योगिकी केंद्र के वैज्ञानिक डॉ. जितेंद्र ने बताया कि 1 सप्ताह के अंदर ही किसान आलू की बिजाई कर दें। ज्यादा लेट होने पर पाला से किसानों को नुकसान हो सकता है, आलू की अगेती बुआई के लिए 15 से 31 अक्टूबर तक बिजाई कर सकते हैं। इस बार बिजाई 10 से 12 दिन लेट हो गई। पिछेती बिजाई नवंबर के पहले सप्ताह में भी किसान कर सकते हैं।

ऐसे मौसम में करे आलू की बिजाई ऐसे आलू की खेती के लिए बलुई दोमट मिट्टी बेहतर मानी जाती है। मिट्टी का पीएच मान 4.8 से 5.4 के बीच होना चाहिए। बीजों के अंकुरण के लिए तापमान 22 से 24 डिग्री सेल्सियस हो। आलू के कंदों के विकास के लिए तापमान 18 से 20 डिग्री सेल्सियस होना चाहिए। बुबाई से पहले खेत की 3 से 4 बार अच्छी जुताई कर लें। फिर पाटा चलाकर खेत को समतल और मिट्टी को भुरभुरा बना लें।

कुफरी पुखराज 100 दिन में हो जाती है तैयार

आलू की खेती करने वाले किसानों के लिए कुफरी पुखराज बेहतरीन किस्म है। यह व्हाइट किस्म है, जो कम समय में अच्छा उत्पादन देती है। बता दें कि देश में आलू का 33% उत्पादन कुफरी पुखराज से ही आता है। यह किस्म मात्र 100 दिन में तैयार हो जाती है। यह किस्म की खेती सर्द तापमान वाले इलाकों में की जा सकती है। इस किस्म की खेती यूपी, हरियाणा, पंजाब, बिहार, असम, झारखंड, छत्तीसगढ़, उड़ीसा और पश्चिम बंगाल में की जाती है। इस किस्म से किसान 400 क्विंटल प्रति हेक्टेयर आलू का उत्पादन प्राप्त कर सकते हैं।

चिप्सोना 110 दिन में हो जाती है तैयार

आलू में चिप्सोना वैरायटी को सबसे कम शुगर वाला आलू माना जाता है। चिप्सोना-1, चिप्सोना-3 आलू की उन्नत नस्लें हैं। प्रोसेस वैरायटी माने जाने वाले इस आलू में सीआईपीसी दवा का छिड़काव रामबाण साबित होता है। इस दवा के छिड़काव के कारण आलू में कार्बोहाइड्रेट से स्टार्च में तब्दील होने की प्रक्रिया लगभग रुक जाती है। इस वजह से इस आलू को शुगर फ्री आलू की श्रेणी में रखा जाता है, इस वैराइटी के चिप्स सबसे अच्छे बनते हैं। यह वैराइटी 110 से 120 दिन में तैयार हो जाती है।

कुफरी चंद्रमुखी, अशोका, जवाहर भी हैं किसानों की पसंदीदा किस्में

कम लागत पर अधिक उपज के लिए खाद या उर्वरक का उपयोग करने के बजाए अच्छी गुणवत्ता वाले बीजों से बुआई किसान कर सकते हैं। कुफरी पुखराज, कुफरी चंद्रमुखी, कुफरी अशोका, कुफरी जवाहर किस्में किसानों को काफी पसंद आती हैं। मध्यम अवधि की किस्मों में कुफरी बहार, कुफरी लालिमा, कुफरी सतलज, कुफरी सदाबहार, पुखराज, चिप सोना-1 और चिप सोना-2 की बिजाई कर अच्छी आमदन ले सकते हैं, इसके अलावा किसान सनताना किस्म की की बिजाई कर रहे हैं, यह नई किस्म है।