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आलू की उन्नत किस्मों कुफरी बादशाह, बहार, नीलकंठ और पुष्कर की बिजाई करें किसान

आलू की उन्नत किस्मों कुफरी बादशाह, बहार, नीलकंठ और पुष्कर की बिजाई करें किसान
 
 कुफरी बादशाह, बहार, नीलकंठ और पुष्कर

आलू की उन्नत किस्मों कुफरी बादशाह, कुफरी बहार, कुफरी नीलकंठ व कुफरी पुष्कर का प्रयोग करें। एक एकड़ खेत में करीब 12 क्विंटल बीज लगता है।

चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. बीआर. काम्बोज ने बताया कि किसान 'सीड तकनीक' से बीज तैयार करें। बिजाई के समय 16-20 टन गोबर खाद, 24 किग्रा. नाइट्रोजन, 54 किग्रा. यूरिया, 20 किग्रा. फास्फोरस 120 किग्रा. सिंगल सुपरफास्फेट व 20-40 किग्रा. पोटाश 36-64 किग्रा. म्यूरेट ऑफ पोटाश प्रति एकड़ की दर से दें। आलू के बीजों को 10-15 सेंटीमीटर की गहराई पर बीजें। बीजों का अंकुरित होना जरूरी है। पूरे आलू ही बीजें। आलू बीजने से पहले बीज को 5-10
मिनट तक 0.25% इण्डोफिल एम- 45 के घोल में रखकर उपचारित करें। • बिजाई के बाद खेत में सिंचाई करें।

बिजाई के बाद खरपतवार से रक्षा के लिए करें छिड़काव

अनुसंधान निदेशक डॉ. राजबीर गर्ग ने बताया कि आलू फसल की खरपतवार से रक्षा करने के लिए स्टोम्प 30 ईसी. 1.5 लीटर प्रति एकड़ की दर से बिजाई के 2-3 दिन बाद छिड़काव करें। हरा तेला, सफेद मक्खी की रोकथाम हेतु 300 मि.ली. डाईमेथोएट 30 ईसी. को 200-300 लीटर पानी में मिलाकर 10 दिन के अंतर पर प्रति एकड़ छिड़काव करें।

मटर की बोनविले, पी-89 किस्म की करें बिजाई

सब्जी विज्ञान विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. एसके, तेहलान ने बताया कि मटर की बोनविले और पी-89 किस्म की बिजाई अक्टूबर माह में कर सकते हैं। एक एकड़ के लिए लगभग 20-30 किलोग्राम बीज की आवश्यकता होती है। कतारों की दूरी 30-40 सेंटीमीटर रखें।