एथनाल मिश्रित पेट्रोल से खराब नहीं होते इंजन, इससे पेट्रोल की गुणवत्ता संग इंजन के प्रदर्शन में होता है सुधार।
केंद्रीय पेट्रोलियम व प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने इस आशंका को पूरी तरह से खारिज किया है कि एथनाल मिश्रित पेट्रोल के इस्तेमाल से वाहनों के इंजन पर नकारात्मक असर होता है। इंडिया बायो एनर्जी एंड टेक एक्सपो में पुरी ने कहा कि असल में एथनाल मिश्रित पेट्रोल इंजन के प्रदर्शन को सुधारता है। यह पेट्रोल की गुणवत्ता को बढ़ाता है। उन्हें यह बयान इसलिए देना पड़ा है कि इंटरनेट मीडिया व दूसरे माध्यमों में कुछ लोगों ने यह सूचना दी है कि एथनाल मिश्रित पेट्रोल से वाहनों का प्रदर्शन खराब होता है। इनका रखरखाव महंगा हो जाता है और माइलेज भी घट जाती है। हालांकि, इस बारे में कोई पुख्ता रिसर्च रिपोर्ट नहीं है।
2014 में देश में पेट्रोल में एथनाल का मिश्रण सिर्फ 1.53 प्रतिशत था जो अब 15 प्रतिशत हो चुका है। सरकार ने वर्ष 2025 तक पूरे देश में 20 प्रतिशत एथनाल मिश्रित पेट्रोल की बिक्री का लक्ष्य रखा है। पुरी ने बताया कि देश के 15,600 पेट्रोल पंपों पर ई-20 (20 प्रतिशत एथनाल मिश्रित पेट्रोल) की बिक्री हो रही है। यह संख्या लगातार बढ़ती ही रहेगी। देश में फिलहाल 65 हजार पेट्रोल पंप हैं। यानी एक चौथाई स्टेशन पर ई-20 पेट्रोल मिल रहा है। उन्होंने कहा कि एथनाल मिश्रण से देश को पिछले दस वर्षों में 99,014 करोड़ रुपये की विदेशी मुद्रा की बचत हुई है, जबकि किसानों को एथनाल के लिए 87,588 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया। ब्राजील जैसे देश में 60-70 प्रतिशत एथनाल मिश्रित पेट्रोल की बिक्री हो रही है और वहां अभी तक वाहनों में कोई समस्या नहीं देखी गई है।
एथनाल मिश्रित पेट्रोल पर ज्यादा ध्यान केंद्रित करने का फायदा किसानों को भी हो रहा है क्योंकि उन्हें अपनी गन्ना, मक्का जैसी फसलों के लिए ज्यादा कीमत मिलने लगी है। पुरी का कहना है कि अभी सरकार की तरफ से मक्का से
निर्मित एथनाल के लिए 9.72 रुपये प्रति लीटर, टूटे हुए चावल से निर्मित एथनाल के लिए 8.46 रुपये प्रति लीटर की राशि प्रोत्साहन के तौर पर दी जा रही है। इसका असर हुआ है और ज्यादा किसान अब एथनाल निर्माण के लिए मक्के की आपूर्ति करने लगे हैं।
गडकरी ने राज्यों को कहा: फ्लेक्स ईंधन वाहनों पर जीएसटी घटाएं
केंद्रीय सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कार्यक्रम में कहा कि उन्होंने सीधे कुछ राज्यों के वित्त मंत्रियों से कहा है कि वह जीएसटी परिषद की आगामी बैठक में फ्लेक्स ईंधन वाले वाहनों (एक से ज्यादा ईंधन से चलने वाले) पर जीएसटी की दर को घटाकर 12 प्रतिशत पर लाने का प्रस्ताव पेश करें। अगर हमें ईंधन आयात बिल में कमी लाना है तो बायोफ्यूल को ज्यादा से ज्यादा प्रोत्साहन देना होगा। इसमें राज्यों के वित्त मंत्रियों का सहयोग चाहिए। मुझे केंद्रीय वित्त मंत्री ने भी आश्वासन दिया है कि वह इस बारे में राज्यों के वित्त मंत्रियों से बात करेंगी। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में जीएसटी परिषद की आगामी बैठक नौ सितंबर को होने वाली है। गडकरी ने कहा कि एक दिन पहले ही मैंने महाराष्ट्र के वित्त मंत्री से बात की है कि वह अगली बैठक में फ्लेक्स फ्यूल्स से चलने वाले कारों व स्कूटरों पर जीएसटी दर घटाने का प्रस्ताव ले कर आएं। इस संबंध में उनकी उत्तर प्रदेश के मुख्य मंत्री योगी आदित्यनाथ से भी बात हुई है। अभी इन वाहनों पर जीएसटी की दर 28 प्रतिशत है, जबकि इलेक्ट्रिक वाहनों पर जीएसटी की दर पांच प्रतिशत है। जीएसटी की दर 12 प्रतिशत होने से इनकी कीमत काफी घट जाएगी जिससे बिक्री बढ़ने की संभावना है।