EPFO 95 PENSION:EPS95 पेंशन योजना से पेंशनरों की बड़ी नाराजगी ईपीएफओ को कहा हमें नहीं चाहिए पेंशन हमारे पैसे वापस लौटआओ।

EPS 95: EPS 95 पेंशन से पेंशनर्स टंग हुए दिखाई दे रहे हैं। पेंशनर्स ने कहा कि महक ₹1000 की पेंशन में परिवार का खर्च चलाने वाले पेंशनर्स की स्थिति दिल दहलाने वाली है।
पेंशनर्स सवाल यह उठा रहे हैं कि कैसे ईपीएफओ के अस्तित्व में रहने का मतलब ही क्या बनता है कई पेंशनर ऐसी भी है जिनके महीने के दवाई के खर्चे की हजारों के हैं तो उनके लिए1000रुप ए की पेंशन से क्या बनता होगा।
पेंशनर का कहना है कि यदि ईपीएफओ के पास उन्हें पेंशन देने के लिए पेमेंट नहीं है तो इसे बंद ही क्यों न कर दे। अक्सर सुनने में आता है कि ईपीएफओ लगातार घाटे में जा रहा है।
ईपीएफओ पेंशनर्स क्या कहना है कि सरकार अमीरों और बड़े बिजनेसमैन को ही लाभ पहुंचा रही है गरीबों बुजुर्गों पर किसी प्रकार का कोई लाभ नहीं दे रही है। सही मायने से जाने दो बुजुर्ग महंगाई से परेशान है पर उनकी कोई नहीं सुनता दूसरे कई देशों में बुजुर्गों का पूरा लालन-पालन सरकार करती है पर हमारी सरकार में तो कुछ नहीं सुना जाता है बुजुर्गों के लिए।
वही मीडिया में कई लोगों ने लिखा है कि हम देखते आए हैं कि सरकार की एक अहम नीति रही है कि जो सरकार संस्थान घाटे में चला जाता हो या उसका आधा निवेश निजी है तो मैं कर दिया जाए या बंद कर दिया जाए या फिर अनुदान देकर पुनर्जीवित कर दिया जाता है जब ईपीएफओ रो-रो कह रही है कि वह लगातार घाटे में चल रही है और उसके पास पेंशनरों को देने के लिए पैसे नहीं है तो फिर क्या कारण है कि सरकार ऐसी डूबती संस्था का कायाकल्प क्यों नहीं करना चाहती क्यों नहीं इसे बंद करना चाहती है।
ईपीएफओ जो कल्याणकारी उद्देश्य से स्थापित की गई है। वह अपने उद्देश्य में पूरी तरह असफल दिखाई दे रही है उसे बनाए रखने का तरक्की क्या हो सकता है लोगों ने यह भी लिखा कि ईपीएफओ एक ऐसी संस्था है जो बिना हल्दी फिटकरी लगाएं अरबों खरबों का लाभ कमाती आई है ऐसी संस्था कौन सी सरकार बंद करना चाहेगी।।
लोग सरकार की भूमिका पर उठा रही है सवाल।
लोग यह पूछते हैं कि बिल्ली के गले में कौन घंटे बढ़ सकता है बिल्ली के गले में घंटी डालने वाली सरकारी हो सकती थी पर वह ऐसा क्यों करेगी वह तो आपका कल्याण के लिए वचनबद्ध है आपकी तमाम होने तक।
पेंशनर्स क्या कर रहे हैं मांग।
पेंशनर्स की यह मांग है कि यदि ई पी एफ ओ उन्हें पेंशन देने में असमर्थ होता है तो इसे बंद कर देना चाहिए और उनका जमा पैसा वापस कर देना चाहिए। जिससे कुछ पैसा आने पर पेंशनर्स को कुछ राहत मिल सकेगी और आगे क्या करना है वह खुद अपने आप देख सकेंगे।
पेंशनरों ने यह भी बताया कि जो रकम उन्होंने अंशदान के रूप में ईपीएफओ को दी है यदि उतनी रकम बैंक में रखी होती तो उन्हें ब्याज का ही पेंशन से ज्यादा पैसा प्राप्त होता।
Eps95 पेंशन को लेकर पेंशनर की स्पष्ट रूप से नाराज़गी
दिखाई दे रही है। सरकार और ओ ईपीएफओ को पेंशन की समस्याओं को ज्ञात में लेना चाहिए ताकि पेंशनर्स अपनी समस्याओं का समाधान कर सके