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Ops news: old pension scheme को लेकर कर्मचारी सभी जिला मुख्यालय पर विरोध प्रदर्शन करेंगे

 Employees will protest at all district headquarters regarding the old pension scheme
 
old pension scheme

Old pension scheme: ओल्ड पेंशन स्कीम को लेकर कर्मचारी लंबे समय से आंदोलन कर रहे हैं आंदोलन करने वाले कर्मचारी संगठन NMOPS ने 26 सितंबर को देश के सभी जिला मुख्यालयों पर विरोध प्रदर्शन करने की घोषणा कर दी है इससे पहले 15 सितंबर को सरकारी कर्मचारी ऑप्स की मांग को लेकर बापू की समाधि स्थल राजधानी के राजघाट पर पहुंचेंगे।

NMOPS के राष्ट्रीय अध्यक्ष विजय कुमार बंधु के कहे अनुसार, दिल्ली में राजघाट पर लाखों कर्मचारी पहुंचने वाले हैं यह कर्मचारियों के हितों की लड़ाई है। अब वह अपने हक की लड़ाई के लिए स्वयं आगे बढ़ेंगे। कर्मचारी किसी का इंतजार नहीं करने वाले हैं वजह यह है कि केंद्र सरकार ने कर्मचारियों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया है यूपीएस लागू करने की बात कही है। NMOPS एक ऐसा संगठन है जो केवल ऑफिस के लिए ही कार्यकर्ता है। यूपीएस से सरकारी कर्मचारी बिल्कुल भी खुश नहीं है।
यूपीएस का अभी तक कोई गजट भी नहीं आया है।केंद्र सरकार ने अभी तक यूपीएस की जो खूबियां गिनाई हैं, वे कर्मचारियों को रास नहीं आ रही। पुरानी पेंशन व्यवस्था में यदि कोई कर्मचारी, स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लेता है तो उसकी पेंशन, सेवानिवृत्ति की तिथि से ही शुरु कर दी जाती थी, लेकिन अब यूपीएस में उसे 60 वर्ष के बाद पेंशन देने की बात कही गई है। इसका मतलब कोई कर्मचारी 45 साल में वीआरएस लेता है तो उसे 15 साल तक पेंशन मिलने का इंतजार करना होगा।
महाराष्ट्र में लंबे समय से ओपीएस की लड़ाई लड़ने वाले 'महाराष्ट्र राज्य जुनी पेन्शन संघटना' के राज्य सोशल मीडिया प्रमुख विनायक चौथे के मुताबिक, ओपीएस की लड़ाई जारी रहेगी। इस कड़ी में 15 सितंबर को शिरडी में 'पुरानी पेंशन राज्य महाअधिवेशन' आयोजित किया जाएगा। वहां मौजूद कर्मचारी, ओपीएस लागू कराने के लिए शपथ लेंगे। उस आयोजन में राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों को भी बुलाया जाएगा। ओपीएस पर उनकी राय या स्टैंड पूछेंगे। एनएमओपीएस के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष तथा 'महाराष्ट्र राज्य जुनी पेन्शन संघटना' के अध्यक्ष > वितेश खांडेकर के नेतृत्व में शिरडी का महाअधिवेशन होगा।

नेशनल मिशन फॉर ओल्ड पेंशन स्कीम भारत' के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. मंजीत सिंह पटेल कहते हैं, 30 सितंबर तक अगर यूपीएस का गजट नहीं आता है तो नई दिल्ली के जंतर-मंतर पर यूपीएस-एनपीएस के विरोध में महा-आंदोलन होगा। केंद्र एवं राज्यों के कई बड़े कर्मचारी संगठनों ने यूपीएस को 'छलावा' करार दिया है। यूपीएस बनाम ओपीएस के इस दंगल में, सरकार के पक्ष में कम तो उसके खिलाफ ज्यादा कर्मचारी संगठन हैं। पीएम की बैठक में शामिल 'कॉन्फेडरेशन ऑफ सेंट्रल गवर्नमेंट एम्प्लाइज एंड वर्कर्स' के अध्यक्ष रूपक सरकार कह चुके हैं, कि ओपीएस का संघर्ष खत्म नहीं हुआ है। अभी हम यूपीएस का विस्तृत नोटिफिकेशन आने का इंतजार कर रहे हैं। नोटिफिकेशन में बहुत सी बातें क्लीयर होंगी। ओपीएस की मांग जारी रहेगी।

नेशनल मिशन फॉर ओल्ड पेंशन स्कीम भारत' के अध्यक्ष डॉ. मंजीत पटेल कहते हैं, अगर न्यायाधीश अपने लिए पुरानी पेंशन की बात करते हैं तो कर्मचारी भी अपने हक में आवाज उठा सकते हैं। आपको याद होगा कि 9 अगस्त 2024 को एक बड़ी खबर आई थी, जिसमें सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश ने जजों की कम पेंशन का हल निकालने के लिए सरकार से अपील की थी। मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और मनोज मिश्रा ने चिंता जताई थी कि जिला अदालतों से रिटायर होने वाले कुछ न्यायिक अधिकारियों को महज 15 हत्तार रुपये पेंशन मिल रही है। ऐसे में अंदाजा लगा सकते हैं कि वे कैसे अपनी आजीविका चलाते होंगे। इस आधार पर पटेल ने कहा, कर्मचारियों की भी न्यायपालिका से गुजारिश है कि वे 91 लाख NPS कर्मचारियों की पुरानी पेंशन बहाली की मांग पर अपनी बात रखें। अगर वे ऐसा करते हैं कि लोगों को ओल्ड एज सोशल इनकम सिक्योरिटी की गारंटी मिल सकती है।