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धान की पैदावार बढ़ाने के लिए करें यह उपाय जंगली घास भी होगा जड़ से खत्म जाने कैसे

 
धान की पैदावार बढ़ाने के लिए

धान की फसल में जंगली घास होना एक आम बात है लेकिन जंगली घास अधिक होना हानिकारक है इतना ही नहीं अगर निराई गुड़ाई के बाद भी है हर सप्ताह लगातार बढ़ रहा है तो इनका समाधान होना आवश्यक है किसान भाइयों के लिए यह समस्या सिर्फ फसल की पैदावार को प्रभावित करती है बल्कि उत्पादन के गुणवत्ता को भी गिरा देती है ऐसे में एक देसी उपाय है जो इस समस्या का समाधान कर सकता है।

जानिए क्या है देसी नुस्खा।

विज्ञान केंद्र कृषि विशेषज्ञ डॉक्टर धीरू तिवारी ने कहा है कि जंगली घास को नियंत्रित करने के लिए नीम और लहसुन के काढ़े का उपयोग एक पुराना और प्रभावी तरीका है यह काढ़ा सिर्फ जंगली घास को बढ़ाने से रोकता है बल्कि धान की फसल को नुकसान पहुंचाए बिना इसे सुरक्षित रखता है और पैदावार बढ़ाता है।


काढ़ा बनाने के लिए आवश्यक सामग्री।

1 किलो नीम की पत्तियां।

200 ग्राम लहसुन की कलियां

10 लीटर पानी।

काढ़ा बनाने की विधि।

सबसे पहले नीम और लहसुन के पत्तियों को अच्छी तरह से पीसकर एक पेस्ट बना लें इस पेस्ट को 10 लीटर पानी में मिलाकर धीमी आंच पर तकरीबन 30 मिनट तक उबालें जब पानी का रंग गहरा हरा न हो जाए तो उसे आग से उतार ले इस काढ़े को छानकर ठंडा होने पर प्रयोग करें।
इस काढ़े का धान की फसल पर छिड़काव करें खासकर उन जगहों पर जहां जंगली घास अधिक मात्रा में है सुबह के समय जब धूप कम हो छिड़काव करना अधिक प्रभावित होता है इस उपाय को 7 दिनों के अंतराल पर दो-दो बार करें पहले छिड़काव के बाद जंगली घास में कमी देखने शुरू हो जाएगी इस काढ़े का छिड़काव करते समय ध्यान रखें की फसल के साथ-साथ जंगली घास भी अच्छी तरह से भीग जाए कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि नीम और लहसुन का काढ़ा प्राकृतिक और प्रभावी तरीका है जंगली घास को नियंत्रित करने के लिए यह न सिर्फ फसल को सुरक्षित रखता है बल्कि मिट्टी में भी कोई हानिकारक रसायन नहीं छोड़ता किसानों को इस उपाय को अपनी कृषि तकनीकों में शामिल करना चाहिए।