प्लॉट आवंटियों के लिए 'विवादों का समाधान' योजना शुरू होगी, 7 हजार से अधिक आवंटियों को होगा लाभ
प्रदेश सरकार ने हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण (एचएसवीपी) के प्लॉट आवंटियों को एन्हांसमेंट से संबंधित मामलों के निपटान के लिए विवादों का समाधान योजना शुरू करने की घोषणा की है।
योजना श्री गुरु नानक देव जी की जयंती पर 15 नवंबर को शुरू होगी व 6 माह तक लागू रहेगी। इससे 7 हजार से अधिक प्लॉट आवंटियों को राहत मिलेगी। योजना की घोषणा सीएम नायब सैनी ने की। सीएम शुक्रवार को एचएसवीपी की 127वीं बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे।
बैठक में कुल 65 एजेंडा रखे गए व सभी एजेंडों को मंजूरी प्रदान की गई।
सीएम ने निर्देश दिए कि प्लॉट आवंटियों को कोई परेशानी नहीं होनी चाहिए, एन्हांसमेंट समेत सभी मामलों का जल्द निपटान किया जाए। सीएम ने निर्देश दिया कि विस्थापितों को प्लॉट के आवेदन के लिए समान अवसर दिया जाए जाए और ऐसे लंबित मामलों, जिनमें विस्थापितों को प्लॉट नहीं मिला है, उनके लिए दोबारा विज्ञापन जारी होगा। अधिकारियों ने सीएम को बताया कि इसकी तैयारी है, जल्द सेक्टरों में विस्थापितों के लिए आरक्षित प्लॉटों का विज्ञापन जारी होगा। विस्थापितों को आवेदन करने का मौका मिलेगा। आवंटियों द्वारा किसी कारणवश ऑक्यूपेशन सर्टिफिकेट न लिए जाने बारे में चर्चा हुई। सीएम ने कहा कि ऐसे आवंटियों को एक और अवसर दिया जाए। अब ऐसे प्लॉट आवंटी 31 मार्च, 2025 तक ऑक्यूपेशन सर्टिफिकेट को आवेदन कर सकते हैं।
दो लाख लोगों को 100-100 गज के प्लॉट मिलेंगे
सीएम सैनी ने कहा कि जल्द ही गांवों में 2 लाख लोगों को 100-100 गज के प्लॉट दिए जाएंगे। प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के तहत इन लाभार्थियों को मकान बनाने को वित्तीय सहायता भी उपलब्ध करवाई जाएगी। वे शुक्रवार को हाउसिंग फॉर ऑल विभाग की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। मौके पर विकास एवं पंचायत मंत्री कृष्ण लाल पंवार, शहरी स्थानीय निकाय मंत्री विपुल गोयल मौजूद रहे। प्लॉट सभी बुनियादी सुविधाओं से सुसज्जित विकसित कॉलोनियों में दिए जाएंगे।
गिफ्ट डीड के आधार पर भी प्लॉट ट्रांसफर हो सकेंगे
अब गिफ्ड डीड के आधार पर भी प्लॉट के हस्तांतरण की अनुमति दी जाएगी। पहले प्लॉट के हस्तांतरण की अनुमति केवल पंजीकृत बिक्री विलेख (सेल डीडी) पर मिलती थी। वैसे प्लॉट की रजिस्ट्री की अनुमति दी गई थी। पर कई ऐसे मामले सामने आए हैं, जहां गिफ्ड डीड के कारण प्लॉट हस्तांतरण नहीं हो सके। एचएसवीपी ने नीति में संशोधन किया और ऐसे लोगों को राहत देने का निर्णय लिया गया कि ऐसे संबंधित आवंटियों को 31 दिसंबर तक एक बार अवसर दिया जाएगा, ताकि वे प्लॉट हस्तांतरित करवा सकें। इसके बाद मौका नहीं मिलेगा।