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फर्नीचर एसोसिएशन की बैठक में सरकार से की गई मांग,पूरी तरह से बदहाल रोहतक रोड को जल्द से जल्द नए सिरे से बनवाया जाए,डिवाइडर को बीच से हटाया जाए या फिर सड़क के बीचोबीच बनाया जाए

फर्नीचर एसोसिएशन की बैठक में सरकार से की गई मांग
 
फर्नीचर एसोसिएशन की बैठक
फर्नीचर एसोसिएशन की एक बैठक रोहतक रोड पर संरक्षक राजकुमार गोयल की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई। बैठक में प्रस्ताव पारित कर सरकार से मांग की गई कि पूरी तरह से बदहाल हो चूके करीबन 2 किलोमीटर लम्बे रोहतक रोड को नए सिरे से बनवाया जाए और इसके इसके साथ-साथ जो डिवाइडर बना हुआ है या तो उसे हटाया जाए या फिर सड़क के बीचों-बीच बनाया जाए। बैठक में प्रधान जितेन्द्र गोयल, पूर्व प्रधान राकेश सिंगला, पूर्व प्रधान संजय गर्ग, सचिव विजेन्द्र गोयल, पीआरओ शौकत अली, कोषाध्यक्ष प्रवीण गोयल, आशू सिंगला, तिलक गर्ग, विशाल गर्ग, मुकेश गोयल, सुन्दरी गर्ग, विपिन गुप्ता, रामधन जैन, अंकित गर्ग, मनीष सिंगला, राजेश गुप्ता, अनिल कुंडू, बरकत अली, विजय सैनी, राजू, रोहित बंसल इत्यादि प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।
बैठक को संबोधित करते हुए राजकुमार गोयल ने कहा कि दो किलोमीटर सड़क में 200 से ज्यादा गड्ढे बन चुके हंै। इसके अलावा सड़क के बीच में जो डिवाइडर बनाया गया है वह बीच-बीच नहीं बनाया गया जिसकी वजह से भी हर रोज हादसे हो रहे हैं। बैठक में सरकार से सड़क को नए सिरे से बनवाने और डिवाईडर को हटाने या सड़क के बीचों-बीच बनवाने की मांग की गई। इस अवसर पर गोयल ने कहा कि इस रोहतक रोड को बनवाने के लिए बडेÞ-बडेÞ आंदोलन करने पड़े थे। कुम्भकर्णी सो रही सरकार को जगाने के लिए बड़े-बड़े प्रदर्शन करने पड़े थे। दर्जनों आंदोलनों और प्रदर्शनों के बाद करीबन 3 साल बाद इस सड़क के भाग जगे थे और प्रशासन ने करीबन 5 करोड़ की लागत से इस सड़क को बनवाया था। तब यहां के बासिदों को बड़ी राहत मिली थी।
पूर्व प्रधान राकेश सिंघल और पूर्व प्रधान संजय गर्ग ने कहा कि सड़क बनने के बाद हुई पहली बरसात में ही सड़क की गुणवता पर सवाल उठ खडे हुए थे क्योकि सड़क दर्जनों जगह से धंस गई थी। मामला हाई लेवल पर उठा था। विधायकों की कमेटी इस सड़क का दौरा करने जींद पहुंची थी। सड़क बनने के बाद से ही गड्ढे बनने की घटनाएं लगातार बढ़ती गई। अब आलम यह है कि करीबन 2 किलोमीटर लम्बी इस सड़क में 200 से ज्यादा गड्डे बन चुके हंै। सड़क पूरी तरह से बदहाल चूकी है जिसके चलते ट्रैफिक व्यवस्था सुचारू नहीं हो पा रही और हर रोज यहा हादसे हो रहे हैं। इतना ही नहीं रोहतक रोड पर जब तीन साल पहले सड़क बनी तब जो डिवाइडर बनाया गया वह बीचोंबीच नहीं बनाया गया। उस समय सडक 10 मीटर चौड़ी थी। डिवाइडर बनाने के लिए सड़क को दोनों तरफ से एक एक मीटर चौड़ा करना था लेकिन संबंधित विभाग ने डिवाइडर को तो 10 मीटर की सड़क के हिसाब से बीचोंबीच कर दिया और सड़क को एक तरफ से ही एक मीटर बढ़ा दिया जो विभाग की बहुत बडी अनियमितताएं रही।
प्रधान जितेन्द्र गोयल के साथ साथ विजेंद्र गोयल, सोकत अली, प्रवीण गोयल इत्यादि ने कहा कि इन अनियमितताएं के चलते विश्वकर्मा चौक से रोहतक की तरफ जाते हुए बाई तरफ दुकानों और सड़क के बीच रास्ता कम हो गया। उस समय जब विधायकों की टीम आई थी तब भी यह मुद्दा उठाया गया था। उसके बाद भी कई बार मांग उठाई गई लेकिन प्रशासन ने कोई सुनवाई नहीं की। गोयल का कहना है कि जब तक रोड सही था तब तक तो कम गेप इतना असर नहीं दिखा रहा था लेकिन अब जब से यह रोड पूरी तरह से बदहाल हुआ है तब से इस बदहाल रोड पर कम गैप की वजह से हर रोज हादसे हो रहे हैं। विश्वकर्मा चौक से रोहतक रोड बाईपास की तरफ जाते हुए डिवाइडर के इस तरफ गेप इतना कम है कि दो वाहन एक साथ क्रॉस नहीं कर सकते। इस बैठक में सरकार और प्रशासन से मांग की गई कि रोहतक रोड की इस सड़क को नए सिरे से बनाकर सुंदर रूप दिया जाए और या तो डिवाइडर को हटाया जाए या फिर दोनों तरफ की दुकानों का सेंटर मानकर बीच में बनाया जाए।