भारतीय रक्षा कर्मचारी महासंघ AIDEF ने अपने गैर अंशदायी पुरानी पेंशन लागू करने के लिए ली प्रतिज्ञा।
3.50 लाख कर्मियों वाले अखिल भारतीय रक्षा कर्मचारी महासग ने अपने गैर अंशदायी पुरानी पेंशन लागू करने के लिए प्रतिज्ञा ली है रक्षा क्षेत्र में कर्मचारियों का मानना है कि देश में एनपीएस को लागू हुए 20 साल हो चुके हैं 1 जनवरी 2024 या इसके बाद बढ़ाते हुए केंद्र सरकार के कर्मचारियों को एनपीएस में शामिल कर दिया गया था यह एक अस्थाई पेंशन योजना थी इसके खिलाफ कर्मचारी लगातार संघर्ष कर रहे हैं सरकारी कर्मचारियों को किसी भी पेंशन योजना के तहत नहीं जाना चाहिए उन्हें गैर अस्थाई पुरानी पेंशन योजना का लाभ देना होगा पुरानी पेंशन से परिवार की आर्थिक और सामाजिक सुरक्षा सुनिश्चित होती है ए आई डी ई एफ के महासचिव श्री कुमार ने बताया है की सर्वोत्तम न्यायालय ने स्पष्ट रूप से फैसला लिया है की पेंशन सरकारी कर्मचारियों का अधिकार है दुर्भाग्य से केंद्र सरकार पुरानी पेंशन को एक दायित्व के रूप में मान रही है यूपीएस तो किसी भी तरह स्वीकार नहीं है।
एआईडीईएफ 41 आयुध कारखाने ,52 डीआरडीओ प्रयोगशाला , इंजीनियरिंग सेवाओं ,सी नौसेना और वायु सेवा के माध्यम विभिन्न रक्षा इकाइयों का गुणवत्ता का आश्वासन एजेंसी डिजिएकयूए के काम करने वाले 3.50 लाख रक्षा नागरिक कर्मचारियों का प्रतिनिधित्व करता है एआईडीइएफ के महासचिव श्री कुमार ने कहा है कि दिल्ली के रामलीला मैदान में इकट्ठे हुए कर्मचारियों ने प्रतिज्ञा ली थी कि गैर अस्थाई पुरानी पेंशन योजना की अतिरिक्त व किसी भी अस्थाई पेंशन योजना को स्वीकार नहीं करेंगे कर्मचारी एनपीएस के खिलाफ लड़ रहे हैं अब सरकार यूपीएस ले आई है इसमें तो कई तरह की खामियां हैं इस योजना में तो 60 वर्ष की आयु में पेंशन मिलेगी पुरानी पेंशन योजना को प्राप्त करने के लिए कर्मचारी को अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने के लिए तैयार है।
भारत सरकार ने एनपीएस में सुधार के लिए तत्कालीन वित्त सचिव टी वी सोमनाथं के अध्यक्ष में एक समिति की बैठक की इस कमेटी की रिपोर्ट को एडीएफ ने खारिज कर दिया है सरकारी कर्मचारियों की मांग एनपीएस में सुधार नहीं बल्कि ओपीएस लागू करना है कर्मचारियों को केवल गैर पुरानी पेंशन योजना की बहाली चाहिए केंद्र सरकार ने अब 24 अगस्त को एक और अंशदायी पेंशन योजना एकीकृत पेंशन योजना शुरू करने के लिए टी वी सोमनाथ सिंह समिति की सिफारिश को एक तरफा मंजूरी दे दी गई है यूपीएस तो एनपीएस योजना से भी अधिक विनाशकारी है एआईडीइएफ अपने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी द्वारा केंद्र सरकार के कर्मचारियों के नेताओं के साथ की गई बैठक में बहिष्कार किया था इस बहिष्कार के पीछे में रीजन यही था कि प्रधानमंत्री ने कर्मचारी नेताओं को ऑफिस बहाल करने के लिए नहीं अभी तो ओपीएस शुरू करने के निर्णय की जानकारी देने के लिए बैठक की थी।
एनपीएस और यूपीएस के खिलाफ लड़ाई जारी रखने और गैर अस्थाई पुरानी पेंशन योजना को हासिल करने का फैसला लिया है एनपीएस और यूपीएस के खिलाफ आंदोलन की शुरुआत करने के लिए एडीएफ में बैनर चले देश भर के रक्षा नागरिक कर्मचारियों ने महात्मा गांधी की मूर्ति के आगे इकट्ठे होकर प्रतिज्ञा ली है इस प्रतिज्ञा में कहा गया है कि मैं एक रक्षा नागरिक कर्मचारी विनाशकारी एनपीएस और यूपीएस संस्था पेंशन योजना से मुक्त होने के लिए संघर्ष और आंदोलन में शामिल होने के लिए प्रतिबंध हूं मैं ऐसे सभी कार्यक्रमों में भाग लेता रहूंगा मैं प्रतिज्ञा करता हूं कि जब तक गैर स्थाई पुरानी पेंशन योजना को हासिल नहीं कर लेता तब तक चैन से नहीं बैठूंगा एआइडीइएफ उनसे भी समान विचारधारा वाली संगठनों को एकजुट करेगा जो एनपीएस और यूपीएस दोनों के खिलाफ मैदान में उतरे हैं सीसीएस पेंशन नियम 1972 के तहत गैर अस्थाई पुरानी पेंशन योजना को प्राप्त करने के लिए आने वाले दिनों में राष्ट्रीय व्यापी आंदोलन की योजना बनाएंगे।