केंद्र ने रबी की 6 फसलों का एमएसपी 7% तक बढ़ाया,गेहूं का एमएसपी ₹150 बढ़ा ₹2425 क्विंटल किया, सरसों पर ₹300 बढ़ाए
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में बुधवार को रबी सीजन की 6 प्रमुख फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में 130 रुपए से लेकर 300 रुपए तक की बढ़ोतरी को मंजूरी दी गई। इसकी जानकारी केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में दी। गेहूं का एमएसपी 150 रुपए बढ़ाकर 2.425 रुपए प्रति क्विंटल किया गया है। इसमें 6.59% का इजाफा हुआ। सरसों-तिलहन के भाव में सबसे ज्यादा 300 रुपए प्रति क्विंटल का इजाफा किया है। यह अब 5,950 रुपए प्रति क्विंटल हो गया है। इसी तरह चने का एमएसपी 210 रुपए बढ़ाकर 5650 रुपए प्रति क्विंटल किया है। एमएसपी में बढ़ोतरी को प्रतिशत के हिसाब से देखें तो सबसे ज्यादा 7% इजाफा जौ में हुआ है। सबसे कम 2.41% की बढ़ोतरी कुसुम में की है।
हरियाणा में रबी की प्रमुख फसलें गेहूं, सरसों, चना, जौ हैं। सरकार का कहना है कि इस एमएसपी वृद्धि से उम्मीद है कि किसान अपनी उपज पर औसत उत्पादन लागत से 105 फीसदी अधिक लाभ हासिल कर सकेंगे। बता दें कि न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) वो गारंटीड मूल्य है, जो किसानों को उनकी फसल पर मिलता है। भले बाजार में उस फसल की कीमतें कम हों।
गेहूं का नया रेट एसपी पर 2425 रुपए प्रति क्विंटल
जो का नया रेट एसपी पर 1980 रुपए प्रति क्विंटल
चने का नया रेट 5650 प्रति क्विंटल 210 रुपए बढ़ोतरी के साथ
मसूर का नया रेट 6700 प्रति क्विंटल 275 रुपए बढ़ोतरी के साथ.
सरसों और तिलहन का नया रेट 5950 रुपए प्रति क्विंटल ₹300 बढ़ोतरी के साथ
कुसुम का नया रेट 5940 रुपए प्रति क्विंटल 140 रुपए बढ़ोतरी के साथ
रबी की फसलों की प्रदेश में अक्टूबर से दिसंबर तक होती है बुवाई
केंद्र सरकार साल में दो बार यानी एक बार खरीफ और एक बार रबी सीजन से पहले एमएसपी तय करती है। रबी फसल की बुवाई अक्टूबर-नवंबर-दिसंबर में की जाती है। इनकी कटाई आमतौर पर अप्रैल-मई में होती है। ये फसलें बारिश से ज्यादा प्रभावित नहीं होतीं, क्योंकि इन दिनों में भारी बारिश होने की संभावना कम ही होती है। खरीफ फसलों की बुवाई जून-जुलाई में होती है और सितंबर से नवंबर तक कटती हैं। इसके बाद अगले सीजन की शुरुआत होती है।