18 साल की नौकरी में पेंशन का गणित एनपीएस में एकमुश्त राशि ज्यादा, यूपीएस में उतनी ही पेंशन अधिक
केंद्र सरकार ने हाल ही में केंद्रीय कर्मचारियों के लिए यूनिफाइड पेंशन स्कीम (यूपीएस) की घोषणा की है। महाराष्ट्र ने भी अपने कर्मचारियों के लिए लागू करने का ऐलान किया है। अन्य राज्य भी इसी राह पर चल सकते हैं। ऐसे में पहले से जारी न्यू पेंशन स्कीम (एनपीएस) और यूपीएस में से कौन फायदेमंद है, इसे लेकर बहस जारी है।
वित्तीय जानकारों का कहना है कि एनपीएस में जो पैसा पेंशन फंड में जमा होता है, उसका 60% एकमुश्त लौटा दिया जाता है। बाकी 40% से हर महीने 6.99% की दर से पेंशन दी जाती है। यूपीएस में यह राशि सरकार अपने पास रखकर पेंशन दे रही है। एनपीएस में एकमुश्त 60% राशि की बैंक में एफडी कर दें तो सालाना ब्याज से एनपीएस की पेंशन भी यूपीएस के बराबर हो जाएगी। यूपीएस में आखिरी 12 महीनों के औसत मूल वेतन के 50 फीसदी में डीआर (डियरनेस अलाउंस) मिलाकर पेंशन दी जाएगी।
एनपीएस में एकमुश्त राशि ज्यादा, यूपीएस में उतनी ही पेंशन अधिक...
यह राशि एनपीएस के मुकाबले 10 गुना तक कम है। भास्कर की रिसर्च में यह बात सामने आई है कि बेशक मौजूदा संरचना में यह सच है कि एकमुश्त राशि का अंतर बहुत बड़ा है। इसलिए पेंशन के पहले 10 साल में रिटायरमेंट बेनिफिट की गणना करते हैं तो एनपीएस लुभावनी लगती है। हालांकि यूपीएस में सबसे बड़ा फायदा यह है कि ऐसे पेंशनर 1 अप्रैल 2026 से लागू होने वाले 8वें वेतनमान के हकदार होंगे। इससे उनकी पेंशन ढाई गुना तक बढ़ जाएगी। यह अंतर बहुत बड़ा है। इस आधार पर एनपीएस से यूपीएस में जाने वाले कर्मचारी फायदे में रहेंगे।
8वां वेतनमान लागू होने पर यूपीएस में 60 लाख के बजाय 1.45 करोड़ रुपए मिलेंगे
मूल वेतन। 86,000 रु./ माह
1/10 फॉर्मूले से एकमुश्त राशि 3.09 लाख रुपए
पेंशन। 30,960 रु./माह।
1 साल की पेंशन 3,71,520
आठवें वेतनमान के
90,280 रुपए मासिक।
सालाना। बाद पेंशन
10,83,360 रुपए
एकमुश्त राशि की एफडी पर ब्याज 3.40 लाख
10 साल की कुल पेंशन
138.55 लाख
10 साल का रिटायरमेंट
एफडी
ब्याज पेंशन 1/10 फॉर्मूले
बेनिफिट की राशि = 1.45 करोड़ रुपए