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केंद्रीय कर्मचारियों की बले-बले! बेसिक सैलरी मे होगी बढ़ोतरी; जाने पूरा गणित 

 
7th Pay Commission: 

7th Pay Commission: इस बार सरकार अगला वेतन आयोग लाने के बजाय सीधे मूल वेतन बढ़ाने की योजना बना रही है। इसका मतलब है कि केंद्रीय कर्मचारियों के वेतन में नाटकीय बदलाव आ सकता है। 2016 के आखिर में वेतन आयोग की सिफारिशें लागू करने के बाद वित्त मंत्री अरुण जेटली ने केंद्रीय कर्मचारियों का न्यूनतम वेतन 18,000 रुपये से बढ़ाने का वादा किया था

 लेकिन तब से लेकर अब तक सरकार ने इस संबंध में कोई ठोस निर्णय नहीं लिया है. सूत्रों के मुताबिक, इस बात पर विचार किया जा रहा है कि बजट में इससे जुड़ी कुछ जानकारियां साझा की जा सकती हैं. हालाँकि, बजट के बाद इसमें बदलाव की संभावना है।

मूल वेतन में 3000 रुपये की बढ़ोतरी

7वें वेतन आयोग की सिफारिशों में फिटमेंट फैक्टर को 2.57 गुना कर दिया गया था। इसी आधार पर केंद्रीय कर्मचारियों के वेतन में संशोधन किया गया. आंकड़ों पर नजर डालें तो सबसे कम वेतन बढ़ोतरी 7वें वेतन आयोग में हुई थी।

हालाँकि, मूल वेतन बढ़ाकर 18,0 रुपये कर दिया गया चर्चा है कि फिटमेंट फैक्टर को 3.68 बार बदला जा सकता है. न्यूनतम वेतन 18,000 रुपये से बढ़ाकर 27,0 रुपये किया जा सकता है लेकिन सूत्रों के मुताबिक इसे 3 गुना तक बढ़ाया जा सकता है. न्यूनतम वेतन भी 3,0 रुपये तक बढ़ाया जा सकता है इससे कर्मचारियों की सैलरी 21,000 रुपये तक बढ़ सकती है.

मूल वेतन में बढ़ोतरी क्यों जरूरी है?

महंगाई का असर: बढ़ती महंगाई ने केंद्रीय कर्मचारियों की क्रय शक्ति कम कर दी है. मूल वेतन में वृद्धि से उनकी वित्तीय स्थिति में सुधार होगा।

जीवन स्तर: उच्च वेतन से कर्मचारियों के जीवन की गुणवत्ता बेहतर होगी और वे अपनी जरूरतों को पूरा करने में सक्षम होंगे।

उत्पादकता में वृद्धि: वेतन में वृद्धि से कर्मचारियों की उत्पादकता में भी वृद्धि होगी, जिससे सरकारी सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार होगा।

इसकी घोषणा कब होगी?
उम्मीद है कि सरकार जल्द ही इस संबंध में आधिकारिक घोषणा करेगी. केंद्रीय बजट के बाद इसकी घोषणा हो सकती है वहीं केंद्रीय कर्मचारियों को सरकार से काफी उम्मीदें हैं. उन्हें उम्मीद है कि इस बार सरकार उनकी आय बढ़ाने के लिए ठोस कदम उठाएगी.