पीएफ अकाउंट को लेकर बदला नियम ईपीएफओ के 7 करोड़ ग्राहकों के लिए बड़ी अपडेट जानिए किसको होगा फायदा।
अगर आप ईपीएफओ के ग्राहक है तो आपके लिए बड़ी खुशखबरी है ईपीएफओ ने गैर लेन-देन वाले पीएफ खातों में निपटान से जुड़ी प्रतिक्रिया में कई बदलाव किए हैं ताकि यूजर्स के व्यक्तिगत विवरण में बदलाव किए जा सके अगर ग्राहक के पिता माता और पत्नी के नाम में कोई गलती है तो उसे सयुक्त घोषणा के जरिए सुधार करने का मौका दिया गया है।
ईएफएफ से जुड़ी मुख्य बातें।
पहले एएफएफओ नाम में दो अक्षरों से ज्यादा के बदलाव को बड़ा बदलाव माना जाता है अब उसे सीमा को घटा कर तीन अक्सर कर दिया गया है स्पेलिंग के मामले में किए जाने बदलाव के लिए पूरा नाम दर्ज करने की अक्सर सीमा हटा दी गई है अगर किए जाने वाले बदलाव तीन अक्षरों से भी कम है तो भी अगर पत्नी को शादी के बाद अपने परिवार का नाम बदलना पड़ता है तो उसे मामूली संशोधन मानती है।
ई केवाईसी बायोमेट्रिक ऑर्थोटिकेशन अनिवार्य।
ईपीएफओ ने धोखाधड़ी से बचाने के लिए साथ-साथ सालों से लेनदेन न किए गए पीएफ खातों से नकदी निकालने में आने वाली दिक्कतों को रोकने के लिए एक केवाईसी बायोमेट्रिक अनिवार्य कर दिया है।
अधिकांश गैर लेन-देन वाले पीएफ खातों में यूनिवर्सल अकाउंट नंबर नहीं होता ऐसे मामलों में खाता धारकों को सम्मिलित कार्यालय में जाना पड़ता है या ईपीएफआईजीएमएस मिस पोर्टल के माध्यम से अपॉइंटमेंट लेना पड़ता है और बायोमेट्रिक सत्यापन पूरा करना होता है।
वरिष्ठ नागरिकों और अन्य चिकित्सा समस्याओं से पीड़ित है लोगों को केवल पोर्टल के माध्यम से अपॉइंटमेंट लेने अपने दरवाजे पर जाने और पीएफ कर्मचारी को यूएएन देने की जरूरत है केवाईसी पूरा किया जा सकता है और व्यक्ति का दावा भी किया जा सकता है।
जिस कंपनी में उन्होंने काम किया है इनके बाद होने की स्थिति में जिसके पास यूएई नहीं है वैसे पीएफ कार्यालय से प्राप्त कर सकते हैं ग्राहक की मृत्यु होने के बाद फॉर्म 2 में उल्लेखनीय नामांकित व्यक्ति के नाम पर एक केवाईसी किया जा सकता है और नगदी का दावा किया जा सकता है अगर नामित व्यक्ति का नाम नहीं दिया गया है तो वह कानूनी उत्तराधिकारी ऐप का दावा कर सकता है।
अगर पीएफ ग्राहकों के खातों में नगद से एक लाख रुपए से कम है तो संबंधित लेखा अधिकारी और यदि यह ₹1,00000 से अधिक है तो सहित पीएफ युक्त या क्षेत्रीय पीएफ आयुक्त निर्णय लेंगे।