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सोना चांदी और अचल संपत्ति की खरीद का शुभ समय, 12 महीना में सर्वश्रेष्ठ फलदाई मुहूर्त

सोना चांदी और अचल संपत्ति की खरीद का शुभ समय, 12 महीना में सर्वश्रेष्ठ फलदाई मुहूर्त
 
 gold silver

दीपावली महापर्व के पहले 24 अक्टूबर को पुष्य नक्षत्र आ रहा है। कार्तिक कृष्ण पक्ष की अष्टमी गुरुवार को होने से इसे गुरु पुष्य कहा जाएगा। ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक, 27 नक्षत्रों में से पुष्य नक्षत्र को सबसे शुभ माना जाता है। इसे नक्षत्रों का राजा कहा गया है।  पुष्य नक्षत्र में खरीदी गई वस्तुएं स्थायी फलदायी मानी जाती हैं। इस दौरान हर प्रकार की खरीदी की जा सकती है।

पुष्य नक्षत्र की शुरुआत 24 अक्टूबर को सुबह 11:45 बजे से होगी। यह 25 अक्टूबर को दोपहर 12:30 बजे तक रहेगा। पुष्य नक्षत्र में की गई खरीदारी और शुरू किए गए व्यापार में बढ़ोतरी होती है। पुष्य नक्षत्र में शिव-पार्वती, इंद्र और बाबा भैरव की पूजा से धन-संपत्ति, वैभव और सुखी दांपत्य जीवन का आशीर्वाद मिलता है।

पुष्य नक्षत्र में खरीदी इसलिए शुभ :  पुष्य नक्षत्र के स्वामी ग्रह शनि हैं। वहीं पुष्य नक्षत्र के देवता गुरु बृहस्पति हैं। पुष्य नक्षत्र की राशि कर्क है। गुरु पुष्य योग ज्योतिष शास्त्र में अत्यंत शुभ और महत्वपूर्ण योग माना जाता है। यह योग तब बनता है, जब गुरु ग्रह (बृहस्पति) पुष्य नक्षत्र में होता है। दोनों ही (गुरु ग्रह और पुष्य नक्षत्र) धन, समृद्धि और जान के प्रतीक माने जाते हैं। इसलिए इन दोनों के संयोग से बनने वाला यह योग बेहद शुभ माना जाता है। इस नक्षत्र में सोना-चांदी के साथ अचल संपत्ति की खरीदारी करने का विशेष महत्व होता है।

नवरात्र में ऐंद्र, जयद, सर्वार्थ सिद्धि, रवि योग के साथ हस्त नक्षत्र भी

इस नवरात्र की शुरुआत हस्त नक्षत्र, पेंद्र और जयद योग से हुई है। इस बार पूरी नवरात्र सर्वार्थ सिद्धि और रवि योग बना रहेगा। 11 और 12 अक्टूबर को भी ये दोनों योग बन रहे हैं। मान्यता है कि ये शुभ योग अत्यंत फलदायी होते है।  एक साथ चार शुभ संयोग दुर्लभ माने जाते हैं। इसलिए शारदीय नवरात्रि में इस बार चार योग और हस्त नक्षत्र होने के कारण इस दौरान की गई खरीदारी शुभ और स्थायी मानी जाती है। यह उन परिवारों के लिए भी शुभ समय है, जो लंबे समय से खरीदी के लिए शुभ संयोग का इंतजार कर रहे हैं। इसलिए पूरे नौ दिन आभूषण, मकान प्लॉट के साथ ऑटोमोबाइल की खरीदी शुभ है।


पुष्य नक्षत्र में इनकी खरीदी स्थायी लाभ देने वाली

अचल संपत्ति मकान, प्लॉट, फ्लैट कृषि भूमि और व्यावसायिक संपत्ति।

चल संपत्ति आभूषणों में सोना, चांदी, हीरा, प्लेटिनम के आभूषण। ऑटोमोबाइल (चार पहिया वाहन, दोपहिया वाहन), इलेक्ट्रिक दोपहिया चार पहिया वाहन। इलेक्ट्रॉनिक सामान में फ्रिज, टीवी, वॉशिंग मशीन, लैपटॉप, माइक्रोवेव ओवन आदि।