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Vande metro :भारत में वंदे भारत ट्रेन के बाद अब देश की पहली वंदे मेट्रो ट्रेन दौड़ने के लिए तैयार।
 

After the Vande India train in India, now the country's first Vande Metro train is ready to run.
 
Vande Metro train

Vande metro :वंदे भारत ट्रेन(vande Bharat train) के

बाद अब पहली बंदे मेट्रो ट्रेन(vande metro train) दौड़ने के देश की लिए तैयार है। रेल डिब्बा कारखाना (RCF) कपूरथला में निर्मित बंदे मेट्रो ट्रेन के 16 कोचों का प्रोटोटाइप रैक(PROTOTYPE RANK) इसी माह रिसर्च डिजाइन एंड स्टैंडर्ड्स आर्गेनाइजेशन (RDSO) को सौंपा जाएगा। RDSO कुछ समय वंदे मेट्रो ट्रेन का विभिन्न रेल पटरियों पर ट्रायल करेगा तथा परीक्षण सफल होने पर इसे भारतीय रेल यात्रियों के लिए उपलब्ध करवा दिया जाएगा। RDSO रेल मंत्रालय का तकनीकी मामलों में परामर्शदाता संगठन है।

भारत की इस पहली स्वदेशी सेमी- हाई स्पीड ट्रेन को आरसीएफ (RCF)के कुशल इंजीनियरों व कर्मचारियों ने बंदे भारत की तरह ही डिजाइन किया है। 16 डिब्बों के रैक वाली इस वंदे मेट्रो ट्रेन( VANDE METRO TRAIN) का निर्माण कार्य लगभग पूरा हो चुका है और आने वाले कुछ दिनों में केंद्र सरकार में पंजाब से संबंधित एक प्रतिनिधि की ओर से PROTOTYPE RANK रवाना किया जाएगा।

आरसीएफ(RCF) के महाप्रबंधक मंजुल माथुर का कहना है कि वंदे मेट्रो ट्रेन 250 किलोमीटर की दूरी तय करने वाले इंटरसिटी(intercity) यात्रियों की सुविधा के लिए डिजाइन की गई है। वंदे मेट्रो ट्रेन(vande metro train) 16 वातानुकूलित डिब्बों वाली ट्रेन होगी जिसकी अधिकतम गति 130 किमी प्रतिघंटा रहेगी। हर कोच में 280 यात्रियों को ले जाने की क्षमता है।

इनमें 100 यात्री बैठ सकेंगे और 180 यात्री खड़े होकर सफर कर सकेंगे। पूरी ट्रेन में कुल 4,364 यात्री आसानी से सफर कर सकेंगे। 3 गुणा 3 बेंच-टाइप सिटिंग अधिकतम यात्रियों को आरामदायक सफर का लुत्फ उठाने में मदद करेगी। यात्री संचार को वरीयता देते हुए वंदे मेट्रो कोच एमरजेंसी की स्थिति में ट्रेन चालक से संवाद करने के लिए टाक बैक सिस्टम से लैस होंगे।

हर कोच में 14 सेंसर के साथ आग व धुएं का पता लगाने वाले सिस्टम लगाए गए हैं ताकि ट्रेन में किसी प्रकार के उठने वाले धुएं का तुरंत पता चल सके। दिव्यांगजनों की सुविधा के लिए कोचों में व्हील चेयर सुलभ शौचालय की सुविधा भी रहेगी। जीएम माथुर ने बताया कि ट्रेन कवच प्रणाली से लैस होगी जिसे टकराव को रोकने के लिए एक महत्वपूर्ण उपाय माना जाता है।