यूआईसीईटी बना प्रोफेसर ऑफ प्रैक्टिस नियुक्त वाला पीयू का पहला इंस्टीट्यूट

पंजाब यूनिवर्सिटी का डॉ. एसएसबी यूआईसीईटी पहला इंस्टीट्यूट है, जहां चार प्रोफेसर ऑफ प्रैक्टिस (पीओपी) की अपॉइंटमेंट हुई है। इनका मकसद एकेडमिक और इंडस्ट्री के बीच के गैप को पूरा करना है। सभी प्रोफेसर्स ऑफ प्रैक्टिस यहां के एलुमिनाई हैं। इन्हें अलग-अलग इंडस्ट्री में 30 साल से अधिक का एक्सपीरियंस है। सभी अलग-अलग एरिया में ट्रेन्ड और सीनियर लेवल पर काम कर चुके हैं। इनका ऑनरेरियम एलुमिनाई फंड से दिया जाएगा। हाल ही में इन्होंने जॉइन किया है। विशेष बात यह है कि ये सभी स्टूडेंट्स से इंटरेक्ट कर उन्हें इंडस्ट्री की प्रैक्टिकल नॉलेज दे रहे हैं। साथ ही कुछ स्टूडेंट्स को आंत्र प्रिन्योर बनने के लिए भी तैयार किया जा रहा है। यूआईसीईटी की चेयरपर्सन डॉ. अनुपमा शर्मा ने बताया कि इंस्टीट्यूट के टीचर्स तो स्टूडेंट्स को थ्योरी पढ़ाते हैं।
लेकिन ये पीओपी न सिर्फ स्टूडेंट्स बल्कि फैकल्टी से इंटरेक्ट कर उन्हें इंडस्ट्री के कामकाज को लेकर प्रैक्टिकल नॉलेज दे रहे हैं। पीओपी इंस्टीट्यूट में स्थित पायलट प्लांट को रिवाइव कर रहे हैं। इसे सस्टेनेबल मोड में लाने के बाद इंडस्ट्री के प्रोजेक्ट्स को भी उत्साहित किया जाएगा। शुरुआत में इनका अपॉइंटमेंट एक साल के लिए हुआ है। वहीं साल 1983 पासआउट गौतम कालरा ने बताया कि वे तीन नामी कंपनीज में काम कर चुके हैं। पिछले साल उन्होंने फार्मा बिजनेस शुरू किया। पीओपी के अंतर्गत वे पीएम मोदी के आंत्रप्रिन्योर्शिप एंड न्यू वेंचर प्लानिंग के अंतर्गत स्टूडेंट्स को प्रैक्टिकल करवाएंगे। कोशिश रहेगी कि इस एक साल में एक-दो स्टार्टअप शुरू करवा दें।
प्रतिष्ठित एक्सपर्ट्स को लाना है मकसद
पिछले साल सितंबर में पीयू सिंडिकेट ने 'प्रोफेसर ऑफ प्रैक्टिस' टीचिंग पद को मंजूरी दी, जिसे अक्टूबर 2022 में यूजीसी ने मंजूरी दी थी। इसका उद्देश्य इंजीनियरिंग, साइंस, एंटरप्रेन्योरशिप, कॉमर्स, मीडिया, लिटरेचर, फाइन आर्ट्स, सिविल सर्विसेज, आम्र्ड फोर्सज, लीगल प्रोफेशनल जैसे क्षेत्रों के एक्सपर्ट्स को लाना है। कम से कम 15 साल की सर्विस वाले एक्सपर्ट इस पोस्ट के लिए पात्र हैं। प्राथमिकता सीनियर लेवल वालों को दी जाएगी। हायर एजुकेशनल इंस्टीट्यूशन में प्रैक्टिस के प्रोफेसरों की संख्या एचईआई के 10 प्रतिशत से अधिक नहीं होनी चाहिए।