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जीवन में सफलता हासिल करने के लिए दूसरों की नहीं खुद की कमियों को ढूंढ़कर दूर करें : अनिल मलिक

 
 बाल कल्याण परिषद

 हरियाणा राज्य बाल कल्याण परिषद द्वारा गांव आफताबगढ़ स्थित जेडी इंटरनेशनल स्कूल में मंगलवार को स्वयं को समझें अपनी क्षमता पर ध्यान केंद्रित करें और आगे बढ़े विषय पर सैमिनार का आयोजन किया गया। सैमिनार में उपस्थित विद्यार्थियों एवं शिक्षकों को संबोधित करते हुए मंडलीय बाल कल्याण अधिकारी रोहतक एवं राज्य नोडल अधिकारी अनिल मलिक ने कहा कि स्वयं को समझना भी एक कला है।

कोई भी इंसान जितना बेहतर स्वयं को जान सकता है वही अपनी क्षमता को सही से जानकर खुद का विकास कर सकता है। इसके लिए दिल, दिमाग और मन में चलने वाले अच्छे और बुरे विचारों का पूरा ध्यान रखना होगा। जब हम ऐसा करने में सफल हो जाएं तो खुद से खुद का संघर्ष करते हुए बुरे विचारों को अच्छे विचारों में बदलने की प्रक्रिया में सफलता हासिल की जा सकती है।

उन्होंने बताया कि स्वयं को जानने की नियमावली स्पष्ट है, खुद के साथ समय बिताना होगा। अपने काम को सजगतापूर्ण करना होगा, अंतर्मन में झांकना होगा, खुद का सही से अवलोकन करना होगा, दूसरों में कमियां ढूंढ़ने की बजाय खुद की कमियों को मिटाना होगा। जीवन में सफलता हेतु जरूरी है एक बड़ा लक्ष्य और उसके लिए जरूरी है फोकस करना।

सरल शब्दों में किसी खास काम या विषय पर ध्यान केंद्रित करना, जो इंसान ऐसा कर पाएगा वही अपनी समग्र उत्पादकता और दक्षता बढ़ा सकता है। उम्र के वर्तमान दौर पर फोकस कीजिए और अपनी वास्तविक स्थिति जानिए कि आपकी रुचि, चाहत, सपना, प्राथमिकताएं क्या हैं खुद से पूरी ईमानदारी से पूछें कि क्या यह जो सब कुछ आपके मन में चल रहा है जो विचार मन में पैदा हो रहे हैं, क्या उन विषयों को आप माता-पिता से सांझा करते हैं।

अगर जवाब हां है तो आप सही हैं, आगे बढ़ते रहिए। अगर जवाब ना है तो इन सबको अभी छोड़ दीजिए, तिलांजलि दे दीजिए, हिचकिचाहट नहीं करनी है। आज नहीं कल देखूंगा, सोचूंगा, पूछूंगा, ऐसा बिल्कुल नहीं करना है, जरूरी है पहले सही निर्णय लेना। 

बच्चे भरोसा रखें जब भी आप सही निर्णय लेने में सफल होंगे


अनिल मलिक ने बच्चों को समझाया कि भरोसा रखें जब भी आप सही निर्णय लेने में सफल होंगे, आपका फोकस बढ़ने लगेगा, आपकी सृजनात्मकता, सकारात्मकता भी बढ़ने लगेगी। नतीजे सकारात्मक हासिल होने लगेंगे, तनाव के स्तर में कमी आएगी। गलतियां कम होने लगेंगी, आपकी सोच बेहतर होती जाएगी, खुद पर भरोसा बढ़ने लगेगा, कार्य में आपकी रुचि भी बढ़ने लगेगी और आप स्वयं को सही से जानने लगेंगे।

स्वयं को जानने के बाद विचारों में जो स्पष्टता आएगी उससे आपका खुद के जीवन के प्रति नजरिया भी बदलने लगेगा। जरूरत है मन में विश्वास बढ़ाने की, एक सशक्त कदम उठाने की। परामर्शदाता नीरज कुमार ने बताया कि अपने अभिभावकों व अध्यापकों की बातों को शांत रहकर ध्यान से सुनना शुरू करें तथा निरंतरता कायम रखते हुए अपने मन की बात भी सांझा करना जरूरी समझें। कार्यक्रम के उपरांत परामर्शदाता ने कुछ बच्चों के समस्या-समाधानों हेतु व्यक्तिगत परामर्श भी प्रदान किया। कार्यक्रम की संयुक्त अध्यक्षता स्कूल चेयरमैन सुरेश कुमार भारद्वाज व स्कूल निदेशक विजय भारद्वाज ने की तथा कार्यक्रम समापन अवसर पर प्रिंसिपल संजीव कुमार ने कहा कि ऐसे प्रेरणादायी मनोवैज्ञानिक सेमिनार बच्चों की सुरक्षा और उज्ज्वल भविष्य के मद्देनजर नतीजागत सिद्ध हो सकते हैं। कार्यक्रम में विशेष तौर पर राज्य बाल कल्याण परिषद के आजीवन सदस्य नीरज कुमार के साथ-साथ अध्यापकगण बपिंद्र, सन्दीप विर्क, टिवंकल, संजय, मोहित, अल्का रही।