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जेईई मेन का पैटर्न बदला: अब पूरा सिलेबस तैयार करना होगा किसी भी टॉपिक से सवाल, सबके अंक हो सकते हैं समान, पुराने पेपर्स के भरोसे न रहें

जेईई मेन का पैटर्न बदला: अब पूरा सिलेबस तैयार करना होगा किसी भी टॉपिक से सवाल, सबके अंक हो सकते हैं समान, पुराने पेपर्स के भरोसे न रहें
 
The JEE Main pattern has changed

जेईई मेन का पेपर पैटर्न रिवाइज्ड करने के बाद अब यह साफ हो गया है कि पेपर में वाइड स्पेक्ट्रम के सवाल पूछे जाएंगे। यानी, इस बार से स्टूडेंट्स को एवरेज वेटेज के अनुसार नहीं पढ़ाई करके सभी टॉपिक्स को कवर करना होगा। जेईई मेन 2025 के पेपर के सेक्शन-बी में अब केवल पांच सवाल पूछे जाएंगे, जो कि न्यूमेरिकल वेल्यू पर आधारित होंगे। कोविड के समय से सेक्शन-बी में दस सवाल दिए जाते थे। इनमें से स्टूडेंट्स को पांच सवालों को हल करना होता था। पेपर का पैटर्न बदलने के बाद अब स्टूडेंट्स को लग रहा है कि प्री-कोविड के पेपर पैटर्न में होगा। इसके अनुसार पढ़ाई और तैयारियां करने से उनकी अच्छी रैंक आएगी, जबकि ऐसा नहीं है। एक्सपर्ट्स के मुताबिक, स्टूडेंट्स को अब पूरे सिलेबस की पढ़ाई करना होगा, क्योंकि सवालों के कम होने से हर टॉपिक से सवाल आने की संभावनाएं बढ़ गई हैं।

ऐसे में स्टूडेंट्स को हर टॉपिक पढ़ना होगा। इसके अलावा सेल्फ स्टडी और शार्ट नोट्स से ही तैयारी करनी होगी। इसके साथ ही ये भी तय है कि पेपर में सवाल एनसीईआरटी के बाहर के नहीं होंगे। गौरतलब है कि पिछले साल 12 लाख से ज्यादा स्टूडेंट्स ने जेईई मेन के लिए रजिस्टर किया था। इस साल संख्या और भी बढ़ने की संभावना है।

सिलेबस पूरा करके मॉक टेस्ट पर करें फोकस...

जेईई मेन में ऐसे सवाल भी आ सकते हैं, जो कि पिछले कुछ सालों में नहीं आए थे। हालांकि, यह कह पाना है कि मुश्किल है कि जेईई एडवांस्ड के स्तर के सवाल आएंगे या नहीं। ऐसे में स्टूडेंट्स को टाइम मैनेज करना भी काफी महत्वपूर्ण है। उन्हें अपना सिलेबस जल्द ही पूरा करना चाहिए। इसके बाद मॉक टेस्ट पर फोकस करना चाहिए।


घर में ही प्रैक्टिस पैटर्न में करें बदलाव

जेईई की एग्जाम साल में दो बार आयोजित की जाती है। पहली जनवरी और दूसरी अप्रैल में रहती है। इसके लिए स्टूडेंट्स को एग्जाम से एक महीने पहले तीनों सब्जेक्ट्स (फिजिक्स, कैमिस्ट्री और मैथ्स) के दो-दो चैप्टर की तैयारी करनी चाहिए। हर टॉपिक से दो-दो सवाल करने से उन्हें फाइल पेपर में मदद मिलेगी। वहीं रीडिंग रिसोर्स पर कम से कम 40 से 50 मिनट फोकस करना चाहिए। इसके साथ ही नए टेक्स्ट की रीडिंग भी बहुत जरूरी है। नई लैंग्वेज पर भी पकड़ बनाना अब जरूरी हो जाएगा। एक्सपर्ट्स के मुताबिक, एवरेज वेटेज के अनुसार पढ़ाई करना स्टूडेंट्स की एआईआर प्रभावित करेगा। पेपर से 5 सवाल कम कर देने से टॉपिक डिस्ट्रीब्यूशन का आकलन नहीं किया जा सकता है। सवालों का वेटेज बराबर हो सकता है। 2019 के पेपर से पढ़ाई करना सही नहीं रहेगा। सभी टॉपिक्स स्टूडेंट्स को कवर करने ही होंगे।