अध्यापन एक व्यवसाय न होकर सेवा भाव : सुरेंद्र अत्री
उचाना में स्वामी गणेशानंद सनातन धर्म शिक्षण महाविद्यालय उचाना कलां में कार्यक्रम का आयोजन किया। मुख्य अतिथि न्यास के ट्रस्टी सुरेंद्र अत्री रहे तो विशिष्ट अतिथि के रूप में विनोद कुमार वशिष्ठ संस्था निदेशक उपस्थित रहे। अध्यक्षता बीएड प्राचार्या डॉ. सुमिति ने की। शुभारंभ सरस्वती वंदना के साथ किया। बीएड के छात्र-छात्राओं ने अपनी प्रस्तुतियां दी। सुरेंद्र अत्री ने कहा कि अध्यापन एक व्यवसाय न होकर एक सेवा भाव है, उन्होंने भिन्न-भिन्न उदाहरण के द्वारा अध्यापकों के गुणों का गुणगान किया एवं अध्यापक की महिमा का को उजागर किया। विनोद कुमार वशिष्ठ ने कहा कि अध्यापक एक राष्ट्र निर्माता है और राष्ट्र निर्माण में अध्यापक की अहम भूमिका होती है। इस अवसर पर जगन्नाथ अध्यक्ष प्रांतीय ग्रामीण शिक्षा विद्या भारती, युजवेंद्र सिंह संस्था प्रशासक, धर्मवीर सिंह डीएड प्राचार्य एवं समस्त स्टाफ सदस्य उपस्थित रहे।
होनहाकर शिक्षकों, विद्यार्थियों को किया सम्मानित
आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी गणेशानंद धर्मार्थ ट्रस्ट के द्वारा संचालित श्री शिव मंदिर सनातन धर्म वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय उचाना कलां में कार्यक्रम आयोजित हुआ। प्रबंध समिति के उपाध्यक्ष ऋषिराम के द्वारा बच्चों का मार्गदर्शन किया। विद्यालय के पूर्व छात्र ज्योति कौशिक, सुरेन्द्र अत्री, जगन्नाथ एवं शिक्षा निदेशक विनोद वशिष्ठ ने सभी आचार्यों को सम्मानित किया। विद्यार्थियों ने अपने गुरुजनों के प्रति श्रद्धा व मान सम्मान बढ़ाने हेतु रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए। प्रतिभागी विद्यार्थियों को भी सम्मानित किया। ज्योति कौशिक ने सभी विद्यार्थियों के सामने अपने आप को एक अच्छे प्रेरणादायक, एक आदर्श विद्यार्थी के रुप में विद्यार्थियों का मार्गदर्शन किया।प्राचार्य रणधीर शास्त्री ने शिव परिवार के सभी कर्मठ आचार्यों को बधाई और शुभकामनाएं देकर कार्यक्रम का समापन किया।