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स्कूलों के तर्ज पर कॉलेजों में भी होगी पीटीएम, एप पर रखा जाएगा विद्यार्थियों की हाजिरी का रिकॉर्ड

स्कूलों के तर्ज पर कॉलेजों में भी होगी पीटीएम, एप पर रखा जाएगा विद्यार्थियों की हाजिरी का रिकॉर्ड
 
PTM

कॉलेजों में भी अब अनुशासन लाने की तैयारी है। क्योंकि यहां स्कूलों के तर्ज पर पीटीएम होगी। इस दौरान अभिभावकों को बताया जाएगा कि उनके बच्चे कॉलेज में किस तरीके से पढ़ाई कर रहे हैं तो वहीं टीचर भी विद्यार्थी को लेकर अभिभावकों को अपडेट कर सकेंगे। उच्चतर शिक्षा निदेशालय द्वारा इसी महीने से शुरुआत की जा रही है।

पीटीएम को लेकर अभिभावकों से कहा गया कि वे अपने प्वाइंट तैयार कर ले जिस पर उन्हें टीचर संग चर्चा करनी है। शिक्षक अभिभावक मीटिंग (पीटीएम) के जरिए अभिभावक अपने बच्चे की हर गतिविधि को जान सकेंगे। इस संदर्भ में उच्चतर शिक्षा विभाग की ओर से दिशा-निर्देश जारी हुए हैं। अक्टूबर माह से इसकी शुरुआत का फैसला किया है। सोनीपत के 5 कॉलेजों में इसका प्रभाव देखने को मिलेगा। आमतौर पर यह देखने में आया है किकॉलेजों में पढ़ने वाले विद्यार्थी कॉलेज में पढ़ाई को गंभीरता से नहीं लेते हैं।

ऐसे में जबअभिभावक खुद कॉलेज पहुंचकर विद्यार्थियों की रिपोर्ट लेंगे तो विद्यार्थियों पर भी इसका दबाव पड़ेगा। वहीं शिक्षक भी अपने अनुभव अभिभावकों संग सांझा कर सकेंगे। अध्यापक व अभिभावक मीटिंग की पहल भविष्य में विद्यार्थियों के लिए उचित साबित होगी। इससे प्रोफेसरों व अभिभावकों का आपस में तालमेल बना रहेगा। अभिभावक इसके जरिए अपने बच्चे की हर गतिविधि पर नजर रख सकेंगे।

कॉलेज में एग्जाम देने के लिए 75% अटेंडेंस कंपलसरी

विभाग की ओर से एक एप तैयार किया जा रहा है। इसमें अटेंडेंस की रिपोर्ट हर महीने अभिभावकों को भेजी जाएगी। क्योंकि कॉलेज में एएग्जाम देने के लिए अटेंडेंस 75 प्रतिशत कंपलसरी होती है। लेकिन छात्रों द्वारा अटेंडेंस रेशियो पूरा न होने की वजह से उन्हें फाइन तक देना पड़ता है।

इसलिए जल्द ही विभाग की ओर से ऑनलाइन एप्लीकेशन भी तैयार होने जा रही है। इसके माध्यम से रोजाना एप में छात्रों की अटेंडेंस का स्टेटस अपलोड किया जाएगा
इस व्यवस्था से अभिभावकों को पता रहेगा कि उनका बच्चा निरंतर कॉलेज में आ भी रहा है या नहीं और वह कैसी संगत में रहता है। कक्षा में उसका व्यवहार व आचरण कैसा है। वह अपने प्रोफेसर का कहना मानता है या नहीं। कॉलेज प्रबंधन व विद्यार्थियों के बेहतर तालमेल से जहां युवाओं का भविष्य सुधरेगा वहीं वह कॉलेज में बेहतर शिक्षा प्राप्त कर कॉलेज परिसर से जॉब प्लेसमेंट होने पर विदेश की और पलायन से बचेंगे।